प्रभु तुम कैसे दीनदयाळ -मीरां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
ऋचा (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:31, 7 सितम्बर 2011 का अवतरण ('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
प्रभु तुम कैसे दीनदयाळ -मीरां
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

प्रभु तुम कैसे दीनदयाळ॥ध्रु.॥
मथुरा नगरीमों राज करत है बैठे। नंदके लाल॥1॥
भक्तनके दुःख जानत नहीं। खेले गोपी गवाल॥2॥
मीरा कहे प्रभू गिरिधर नागर। भक्तनके प्रतिपाल॥3॥

संबंधित लेख