चालो ढाकोरमा ज‍इ वसिये -मीरां

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:20, 1 नवम्बर 2014 का अवतरण (Text replace - "५" to "5")
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Icon-edit.gif इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव"
चालो ढाकोरमा ज‍इ वसिये -मीरां
मीरांबाई
कवि मीरांबाई
जन्म 1498
जन्म स्थान मेरता, राजस्थान
मृत्यु 1547
मुख्य रचनाएँ बरसी का मायरा, गीत गोविंद टीका, राग गोविंद, राग सोरठ के पद
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
मीरांबाई की रचनाएँ

चालो ढाकोरमा ज‍इ वसिये। मनेले हे लगाडी रंग रसिये॥ध्रु०॥
प्रभातना पोहोरमा नौबत बाजे। अने दर्शन करवा जईये॥1॥
अटपटी पाघ केशरीयो वाघो। काने कुंडल सोईये॥2॥
पिवळा पितांबर जर कशी जामो। मोतन माळाभी मोहिये॥3॥
चंद्रबदन आणियाळी आंखो। मुखडुं सुंदर सोईये॥4॥
रूमझुम रूमझुम नेपुर बाजे। मन मोह्यु मारूं मुरलिये॥5॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। अंगो अंग जई मळीयेरे॥६॥

संबंधित लेख