"चालो अगमके देस कास देखत डरै -मीरां" के अवतरणों में अंतर
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चालो अगमके <ref>जहां पहुंच न हो, परमात्मा का पद</ref> देस कास देखत डरै। | चालो अगमके <ref>जहां पहुंच न हो, परमात्मा का पद</ref> देस कास देखत डरै। | ||
− | वहां भरा प्रेम का | + | वहां भरा प्रेम का हौज़ हंस <ref>जीवात्मा से आशय है</ref> केल्यां <ref>क्रीड़ाएं</ref> करै॥ |
ओढ़ण लज्जा चीर धीरज कों घांघरो। | ओढ़ण लज्जा चीर धीरज कों घांघरो। |
14:18, 31 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
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राग शुद्ध सारंग |