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*फलकीवन के अनुसार यह तीर्थस्थल [[कुरुक्षेत्र]] में स्थित है।  
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'''फलकीवन''' एक तीर्थस्थल है जो [[हरियाणा]] राज्य के [[कुरुक्षेत्र]] में स्थित है।  
*थानेश्वर से सत्रह मील दूर दक्षिण पूर्व में ओघवती तट पर स्थित फरल में शुक्र तीर्थ है।  
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*[[थानेश्वर]] से सत्रह मील दूर दक्षिण पूर्व में ओघवती तट पर स्थित फरल में शुक्र तीर्थ है।  
 
*इसे कुरुक्षेत्र के पावन सप्त वनों में मानते हैं।  
 
*इसे कुरुक्षेत्र के पावन सप्त वनों में मानते हैं।  
 
*यहाँ देव बहुसहस्र वर्ष तक तप करते हैं।  
 
*यहाँ देव बहुसहस्र वर्ष तक तप करते हैं।  
 
*यहाँ द्वषवती, पाणिखात तथा सर्वदेव तीर्थ हैं।  
 
*यहाँ द्वषवती, पाणिखात तथा सर्वदेव तीर्थ हैं।  
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09:44, 3 अगस्त 2014 के समय का अवतरण

फलकीवन एक तीर्थस्थल है जो हरियाणा राज्य के कुरुक्षेत्र में स्थित है।

  • थानेश्वर से सत्रह मील दूर दक्षिण पूर्व में ओघवती तट पर स्थित फरल में शुक्र तीर्थ है।
  • इसे कुरुक्षेत्र के पावन सप्त वनों में मानते हैं।
  • यहाँ देव बहुसहस्र वर्ष तक तप करते हैं।
  • यहाँ द्वषवती, पाणिखात तथा सर्वदेव तीर्थ हैं।
  • भीष्म, युधिष्ठिर जैसे धर्म प्रतिष्ठापक यहाँ से गुजरे हैं। यही फलकीवन क्षेत्र है।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, वनपर्व, अध्याय 81

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