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| || भीष्म [[महाभारत]] के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। ये महाराजा [[शांतनु]] के पुत्र थे। अपने पिता को दिये गये वचन के कारण इन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था। इन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भीष्म]] | | || भीष्म [[महाभारत]] के प्रमुख पात्रों में से एक हैं। ये महाराजा [[शांतनु]] के पुत्र थे। अपने पिता को दिये गये वचन के कारण इन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था। इन्हें इच्छामृत्यु का वरदान प्राप्त था। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भीष्म]] |
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− | {कृष्णा किसका नाम था?
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− | |type="()"}
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− | +[[द्रौपदी]]
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− | -[[सुभद्रा]]
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− | -[[रुक्मणी]]
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− | -[[राधा]]
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− | || द्रौपदी का जन्म महाराज [[द्रुपद]] के यहाँ यज्ञकुण्ड से हुआ था। द्रौपदी ने पति पाने की कामना से तपस्या की। भगवान [[शंकर]] ने प्रसन्न होकर उसे वर देने की इच्छा की। उसने शंकर से पांच बार कहा कि वह सर्वगुणसंपन्न पति चाहती है। शंकर ने कहा कि अगले जन्म में उसके पांच भारतवंशी पति होंगे, क्योंकि उसने पति पाने की कामना पांच बार दोहरायी थी।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[द्रौपदी]]
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− | {[[उलूपी]] व [[चित्रांगदा]] किसकी पत्नी थी?
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− | |type="()"}
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− | -[[भीम]]
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− | -[[कृष्ण]]
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− | +[[अर्जुन]]
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− | -[[कर्ण]]
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− | || [[चित्र:Gita-Krishna-1.jpg|right|30px|कृष्ण और अर्जुन]] अर्जुन [[महाभारत]] के मुख्य पात्र हैं। महाराज [[पाण्डु]] एवं रानी [[कुन्ती]] के वह तीसरे पुत्र थे। अर्जुन सबसे अच्छा तीरंदाज थे। वो द्रोणाचार्य के शिष्य थे। [[द्रौपदी]] को स्वयंम्वर में जीतने वाला वो ही थे। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अर्जुन]]
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− | {[[जरासंध]] का वध किसने किया?
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− | |type="()"}
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− | -[[कर्ण]]
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− | -[[अर्जुन]]
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− | -[[बलराम]]
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− | +[[भीम (पांडव)|भीम]]
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− | || [[चित्र:Bhim.jpg|right|50px|भीम]] [[पांडु]] के पाँच में से दूसरी संख्या के पुत्र का नाम भीम अथवा भीमसेन था। भीम में दस हज़ार [[हाथी|हाथियों]] का बल था और वह [[गदा]] युद्ध में पारंगत था। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[भीम (पांडव)]]
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− | {[[महाभारत]] में पर्वों की संख्या है?
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− | |type="()"}
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− | -12
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− | -14
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− | -16
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− | +18
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− | || महाभारत की प्रबन्ध योजना में सम्पूर्ण ग्रन्थ को अठारह पर्वों में विभक्त किया गया है और महाभारत में भीष्म पर्व के अन्तर्गत वर्णित श्रीमद्भगवद्गीता में भी अठारह अध्याय हैं। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[महाभारत]]
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− | {[[द्रोणाचार्य]] का वध किसने किया था?
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− | |type="()"}
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− | +[[धृष्टद्युम्न]]
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− | -[[नकुल]]
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− | -[[द्रुपद]]
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− | -वभ्रुवाहन
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− | || धृष्टद्युम्न [[पांचाल]]-नरेश [[द्रुपद]] का पुत्र था। ये [[द्रौपदी]] का भाई था, जो यज्ञकुण्ड से उत्पन्न हुआ था। [[महाभारत]] के युद्ध में पाण्डव-पक्ष का यही कुमार सेनापति रहा। [[महाभारत]]-युद्ध में उसने [[द्रोणाचार्य]] का वध किया था। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[धृष्टद्युम्न]]
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− | {[[यक्ष]] से [[युधिष्ठिर]] ने किस [[पाण्डव]] का जीवन दान माँगा था?
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− | |type="()"}
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− | -[[अर्जुन]]
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− | -[[नकुल]]
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− | -[[भीम]]
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− | +[[सहदेव]]
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− | || [[महाभारत]] में पाँच [[पांडव|पाँडवों]] में सबसे छोटे भाई और राजा [[पांडु]] के पाँच पुत्रों में से सबसे छोटे पुत्र का नाम। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सहदेव]]
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− | {[[लाक्षागृह]] का निर्माण किसने किया था?
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− | |type="()"}
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− | -[[विश्वकर्मा]]
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− | -[[शकुनि]]
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− | +पुरोचन
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− | -[[प्रजापति]]
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− | || [[महाभारत]] में ऐसा उल्लेख मिलता है कि एक बार [[पाण्डव]] अपनी माता [[कुन्ती]] के साथ वार्णावर्त नगर में महादेव को मेला देखने गये। [[दुर्योधन]] ने इसकी पूर्व सूचना प्राप्त करके अपने एक मन्त्री पुरोचन को वहाँ भेजकर एक लाक्षागृह तैयार कराया। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[लाक्षागृह]]
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− | {[[घटोत्कच]] की माँ का क्या नाम था?
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− | |type="()"}
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− | -[[तारा (बालि की पत्नी)|तारा]]
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− | +[[हिडिम्बा]]
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− | -[[ताड़का]]
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− | -सुरसा
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− | || हिडिम्बा से ही [[भीम (पांडव)|भीम]] के घटोत्कच नामक पुत्र उत्पन्न हुआ। 'महाभारत' में हिडिम्ब नामक एक राक्षस का उल्लेख मिलता है। हिडिम्बा इसी [[हिडिम्ब]] नामक राक्षस की बहन थी। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[हिडिम्बा]]
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− | {[[अर्जुन]] के धनुष का नाम क्या था?
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− | |type="()"}
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− | +[[गांडीव धनुष|गांडीव]]
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− | -अमोघ
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− | -[[वज्र अस्त्र|वज्र]]
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− | -[[ब्रह्मास्त्र]]
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− | || अर्जुन को गांडीव धनुष अत्यधिक प्रिय था। उसने प्रतिज्ञा की थी कि जो व्यक्ति उसे गांडीव किसी और को देने के लिए कहेगा, उसे वह मार डालेगा।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[गांडीव धनुष]]
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− | {[[महाभारत]] में कितने [[अक्षौहिणी]] सेना समाप्त हुई?
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− | |type="()"}
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− | -22
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− | +18
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− | -24
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− | -16
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− | || [[महाभारत]] के युद्घ में '''अठारह''' अक्षौहिणी सेना नष्ट हो गई। एक अक्षौहिणी में 21870 [[हाथी]], 21870 रथ, 65610 घोड़े और 109350 पैदल होते थे। {{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[अक्षौहिणी]]
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सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
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सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान
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