"सिहावा" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आदित्य चौधरी (चर्चा | योगदान) छो (Text replacement - "छः" to "छह") |
|||
(4 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | '''सिहावा''' [[छत्तीसगढ़]] राज्य के [[रायपुर]] के समीप [[धमतरी ज़िला|धमतरी ज़िले]] में स्थित एक पर्वत श्रेणी है। इस पर्वतश्रेणी में ही [[महानदी]] का उद्गम होता है। | |
− | |||
*[[किंवदंती]] है कि इस स्थान पर पूर्वकाल में श्रृंगी आदि सप्तऋषियों की तपोभूमि थी, जिनके नाम से प्रसिद्ध कई गुफाएँ पहाड़ियों के उच्चशिखरों पर अवस्थित हैं। | *[[किंवदंती]] है कि इस स्थान पर पूर्वकाल में श्रृंगी आदि सप्तऋषियों की तपोभूमि थी, जिनके नाम से प्रसिद्ध कई गुफाएँ पहाड़ियों के उच्चशिखरों पर अवस्थित हैं। | ||
− | *सिहावा के खंडहरों से | + | *सिहावा के खंडहरों से छह मंदिरों के अवशेष प्राप्त हुए हैं। |
− | *पाँच मन्दिरों का निर्माण चन्द्रवंशी राजा कर्ण ने 1114 शक संवत | + | *सिहावा के पाँच मन्दिरों का निर्माण [[चन्द्र वंश|चन्द्रवंशी]] राजा कर्ण ने 1114 शक संवत 1192 ई. के लगभग करवाया था। |
− | *यह बात | + | *यह बात सिहावा के एक [[अभिलेख]] से स्पष्ट होती है। |
+ | *इस अभिलेख से सूचित होता है कि सिहावा का नाम देवह्रद था और इसे एक [[तीर्थ]] के रूप में मान्यता प्राप्त थी। | ||
− | |||
− | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
− | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
पंक्ति 15: | पंक्ति 12: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | [[Category: | + | {{छत्तीसगढ़ राज्य के ऐतिहासिक स्थान}} |
− | [[Category: | + | {{पर्वत}} |
+ | [[Category:पर्वत]] | ||
+ | [[Category:छत्तीसगढ़ राज्य]] | ||
+ | [[Category:छत्तीसगढ़ राज्य के ऐतिहासिक स्थान]] | ||
+ | [[Category:ऐतिहासिक_स्थान_कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
11:35, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
सिहावा छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर के समीप धमतरी ज़िले में स्थित एक पर्वत श्रेणी है। इस पर्वतश्रेणी में ही महानदी का उद्गम होता है।
- किंवदंती है कि इस स्थान पर पूर्वकाल में श्रृंगी आदि सप्तऋषियों की तपोभूमि थी, जिनके नाम से प्रसिद्ध कई गुफाएँ पहाड़ियों के उच्चशिखरों पर अवस्थित हैं।
- सिहावा के खंडहरों से छह मंदिरों के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- सिहावा के पाँच मन्दिरों का निर्माण चन्द्रवंशी राजा कर्ण ने 1114 शक संवत 1192 ई. के लगभग करवाया था।
- यह बात सिहावा के एक अभिलेख से स्पष्ट होती है।
- इस अभिलेख से सूचित होता है कि सिहावा का नाम देवह्रद था और इसे एक तीर्थ के रूप में मान्यता प्राप्त थी।
|
|
|
|
|