"रबीन्द्रनाथ ठाकुर के अनमोल वचन" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
पंक्ति 9: पंक्ति 9:
 
*प्रत्येक बालक यह संदेश लेकर आता है, कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है। <ref>{{cite web |url=http://www.abhivyakti-hindi.org/vichar/amarvani3.htm |title=सूक्तियाँ |accessmonthday=[[14 अप्रॅल]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=अभिव्यक्ति |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
 
*प्रत्येक बालक यह संदेश लेकर आता है, कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है। <ref>{{cite web |url=http://www.abhivyakti-hindi.org/vichar/amarvani3.htm |title=सूक्तियाँ |accessmonthday=[[14 अप्रॅल]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=अभिव्यक्ति |language=[[हिन्दी]] }}</ref>
 
|}
 
|}
 +
 +
{{seealso|अनमोल वचन|कहावत लोकोक्ति मुहावरे|सूक्ति और कहावत}}
  
 
{{प्रचार}}
 
{{प्रचार}}

10:15, 14 अप्रैल 2011 के समय का अवतरण

रबीन्द्रनाथ ठाकुर के अनमोल वचन
Rabindranath-Tagore.jpg
  • विश्वास वह पक्षी है, जो प्रभात के पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का अनुभव करता है और गाने लगता है।
  • मनुष्य का जीवन एक महानदी की भाँति है, जो अपने बहाव द्वारा नवीन दिशाओं में राह बना लेती है।
  • प्रत्येक बालक यह संदेश लेकर आता है, कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है। [1]

इन्हें भी देखें: अनमोल वचन, कहावत लोकोक्ति मुहावरे एवं सूक्ति और कहावत



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सूक्तियाँ (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) अभिव्यक्ति। अभिगमन तिथि: 14 अप्रॅल, 2011

संबंधित लेख