व्यवस्था (सूक्तियाँ)

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क्रमांक सूक्तियाँ सूक्ति कर्ता
(1) व्यवस्था मस्तिष्क की पवित्रता है, शरीर का स्वास्थ्य है, शहर की शान्ति है, देश की सुरक्षा है। जो सम्बन्ध धरन (बीम) का घर से है, या हड्डी का शरीर से है, वही सम्बन्ध व्यवस्था का सब चीज़ों से है। राबर्ट साउथ
(2) अच्छी व्यवस्था ही सभी महान् कार्यों की आधारशिला है। एडमन्ड बुर्क
(3) सभ्यता सुव्यस्था के जन्मती है, स्वतन्त्रता के साथ बडी होती है और अव्यवस्था के साथ मर जाती है। विल डुरान्ट
(4) हर चीज़ के लिये जगह, हर चीज़ जगह पर। बेन्जामिन फ्रैंकलिन
(5) सुव्यवस्था स्वर्ग का पहला नियम है। अलेक्जेन्डर पोप
(6) परिवर्तन के बीच व्यवस्था और व्यवस्था के बीच परिवर्तन को बनाये रखना ही प्रगति की कला है। अल्फ्रेड ह्वाइटहेड
(7) अच्छी व्यवस्था ही सभी महान् कार्यों की आधारशिला है। एडमन्ड बुर्क
(8) परिवर्तन को जो ठुकरा देता है वह क्षय का निर्माता है, केवलमात्र मानव व्यवस्था जो प्रगति से विमुख है वह है क़ब्रगाह। हैरल्ड विल्सन
(9) ऐसे क़ानून व्यर्थ हैं जिनके अमल की व्यवस्था ही न हो। इटली की कहावत
(10) जब तक तुममें दूसरों को व्यवस्था देने या दूसरों के अवगुण ढूंढने, दूसरों के दोष ही देखने की आदत मौजूद है, तब तक तुम्हारे लिए ईश्वर का साक्षात्कार करना कठिन है। स्वामी रामतीर्थ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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