"बेसनगर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
(''''बेसनगर''' पूर्वी मालवा स्थित प्राचीन नगर विदिशा ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
 
*शुंग राजाओं के शासन के बाद भी अनेक वर्षों तक बेसनगर स्थानीय शासकों की राजधानी बना रहा था।
 
*शुंग राजाओं के शासन के बाद भी अनेक वर्षों तक बेसनगर स्थानीय शासकों की राजधानी बना रहा था।
 
*यहाँ के शासकों ने [[भारत]] की पश्चिमोत्तर सीमा पर स्थित [[यवन]] (यूनानी) शासकों के साथ राजनीतिक सम्बन्ध बना रखे थे।
 
*यहाँ के शासकों ने [[भारत]] की पश्चिमोत्तर सीमा पर स्थित [[यवन]] (यूनानी) शासकों के साथ राजनीतिक सम्बन्ध बना रखे थे।
*बेसनगर में भगवान [[वासुदेव (कृष्ण)|वासुदेव]] के सम्मान में [[तक्षशिला]] के राजा एंटिआल्किडस के राजदूत हेलियोडोरस ने द्वारा लगभग 135 ई. पू. में एक गरुड़ध्वज स्थापित कराया गया था।
+
*बेसनगर में भगवान [[वासुदेव (कृष्ण)|वासुदेव]] के सम्मान में [[तक्षशिला]] के राजा एंटिआल्किडस के राजदूत हेलियोडोरस ने लगभग 135 ई. पू. में एक [[गरुड़ध्वज]] स्थापित कराया गया था।
  
 
{{seealso|विदिशा}}
 
{{seealso|विदिशा}}

11:34, 17 दिसम्बर 2011 का अवतरण

बेसनगर पूर्वी मालवा स्थित प्राचीन नगर विदिशा का आधुनिक नाम है। शुंग राजाओं के शासनकाल में इस नगर का बहुत ही महत्त्व था।

  • शुंग राजाओं के शासन के बाद भी अनेक वर्षों तक बेसनगर स्थानीय शासकों की राजधानी बना रहा था।
  • यहाँ के शासकों ने भारत की पश्चिमोत्तर सीमा पर स्थित यवन (यूनानी) शासकों के साथ राजनीतिक सम्बन्ध बना रखे थे।
  • बेसनगर में भगवान वासुदेव के सम्मान में तक्षशिला के राजा एंटिआल्किडस के राजदूत हेलियोडोरस ने लगभग 135 ई. पू. में एक गरुड़ध्वज स्थापित कराया गया था।

इन्हें भी देखें: विदिशा


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 295 |


संबंधित लेख