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गुजरात

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गुजरात / Gujarat==

इतिहास और भूगोल

गुजरात का इतिहास ईस्वी पूर्व लगभग 2,000 साल पुराना है। यह भी मान्यता है कि भगवान कृष्‍ण मथुरा छोड़कर सौराष्‍ट्र के पश्चिमी तट पर जा बसे थे, जो द्वारिका अर्थात 'प्रवेशद्वार' कहलाया। बाद के वर्षों में मौर्य, गुप्‍त, प्रतिहार तथा अन्‍य अनेक राजवंशों ने इस प्रदेश पर शासन किया। चालुक्‍य, सोलंकी राजाओं का शासन काल गुजरात के लिए प्रगति और समृध्दि का युग था। महमूद गज़नवी की लूटपाट के बाद भी चालुक्‍य राजाओं ने यहां के लोगों की समृद्धि और भलाई का पूरा ध्‍यान रखा। इस गौरवपूर्ण काल के पश्‍चात गुजरात को मुसलमानों, मराठों और ब्रिटिश शासन के दौरान बुरे दिनों का सामना करना पड़ा। आजादी से पहले आज का गुजरात मुख्‍य रूप से दो भागों में विभाजित था-

  1. एक ब्रिटिश क्षेत्र और
  2. दूसरा देसी रियासतें।

राज्‍यों के पुनर्गठन के कारण सौराष्‍ट्र के राज्‍यों और कच्‍छ के केंद्र शासित प्रदेश के साथ पूर्व ब्रिटिश गुजरात को मिलाकर द्विभाषी मुंबई राज्‍य का गठन हुआ। पहली मई, 1060 को वर्तमान गुजरात राज्‍य अस्तित्‍व में आया। गुजरात भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है। इसके पश्चिम में अरब सागर, उत्तर में पाकिस्‍तान तथा उत्तर-पूर्वी सीमा पर राजस्‍थान, दक्षिण-पूर्वी सीमा पर मध्‍य प्रदेश और दक्षिण में महाराष्‍ट्र है।

कृषि

  • गुजरात कपास, तंबाकू और मूंगफली का उत्‍पादन करने वाला देश का प्रमुख राज्‍य है।
  • यह कपड़ा, तेल और साबुन जैसे महत्‍वपूर्ण अद्योगों के लिए कच्‍चा माल उपलब्‍ध करता है।
  • अन्‍य महत्‍वपूर्ण नकदी फसलें हैं - इसबगोल, धान, गेहूं और बाजरा।
  • गुजरात के वनों में उपलब्ध वृक्षों की जातियां हैं- सागवान, खैर, हलदरियो, सादाद और बांस।

उद्योग

राज्‍य के औद्योगिक ढांचे में धीरे-धीरे विविधता आती जा रही है। यहां रसायन,पेट्रो-रसायन, उर्वरक, इंजीनियरिंग, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स आदि उद्योगों का विकास रहा है।

  • 2004 के अंत में राज्‍य में पंजीकृत फैक्‍टरियों की संख्‍या 21,536 (अस्‍थाई) थी जिनमें औसतन 9.27 लाख दैनिक मजदूरों को रोजगार मिला हुआ था।
  • मार्च, 2005 तक राज्‍य में 2.99 लाख लघु औद्योगिक इकाइयों का पंजीकरण हो चुका था।
  • गुजरात औद्योगिक विकास निगम को ढांचागत सुविधाओं के साथ औद्योगिक संपदाओं के वि‍कास की भूमिका सौंपी गई है। *दिसंबर, 2005 तक गुजरात औद्योगिक विकास निगम ने 237 औद्योगिक संपदाएं स्‍थापित की थी।

सिंचाई और बिजली

  • राज्‍य में भूतलीय जल तथा भूमिगत जल द्वारा कुल सिंचाई क्षमता 64.48 लाख हेक्‍टेयर आंकी गई है जिसमें सरदार सरोवर (नर्मदा) परियोजना की 17.92 लाख हेक्‍टेयर क्षमता भी शामिल है।
  • राज्‍य में जून 2005 तक कुल सिंचाई क्षमता 40.34 लाख हेक्‍टेयर क्षमता भी शामिल है।
  • राज्‍य में जून 2007 तक कुल सिंचाई क्षमता 42.26 लाख हेक्‍टेयर तक पहुंच गई थी।
  • जून 2007 तक अधिकतम उपयोग क्षतमा 37.33 लाख हेक्‍टेयर आंकी गई।

परिवहन

  • 2005-06 के अंत में सड़कों की कुल लंबाई (गैर योजना, सामुदायिक, शहरी और परियोजना सड़कों के अलावा) लगभग 74,038 किलोमीटर थी।
  • राज्‍य के अहमदाबाद स्थित मुख्‍य हवाई अड्डे से मुंबई, दिल्‍ली और अन्‍य शहरों के लिए दैनिक विमान सेवा उपलब्‍ध है। अहमदाबाद हवाई अड्डे को अब अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा मिल गया हैं। अन्‍य हवाई अड्डे वडोदरा, भावनगर, भुज, सूरत, जामनगर, कांदला, केशोद, पोरबंदर और राजकोट में है।
  • गुजरात में कुल 40 बंदरगाह हैं। कांदला राज्‍य का प्रमुख बंदरगाह है। वर्ष 2004-05 के दौरान गुजरात के मंझोले और छोटे बंदरगाहों से कुल 971.28 लाख टन माल ढोया गया जबकि कांदला बंदरगाह से 415.51 लाख टन माल ढोया गया।

त्‍योहार

  • भाद्रपद्र (अगस्‍त-सितंबर) मास के शुक्‍ल पक्ष में चतुर्थी, पंचमी और षष्‍ठी के दिन तरणेतर गांव में भगवान शिव की स्‍तुति में तरणेतर मेला लगता है।
  • भगवान कृष्‍ण द्वारा रुक्‍मणी से विवाह के उपलक्ष्‍य में चैत्र (मार्च-अप्रैल) के शुक्‍ल पक्ष की नवमी को पोरबंदर के पास माधवपुर में माधवराय मेला लगता है।
  • उत्तरी गुजरात के बांसकांठा जिले में हर वर्ष मां अंबा को समर्पित अंबा जी मेला आयेजित किया जाता हैं।
  • राज्‍य का सबसे बड़ा वार्षिक मेला द्वारका और डाकोर में भगवान कृष्‍ण के जन्‍मदिवस जन्‍माष्‍टमी के अवसर पर बड़े हर्षोल्‍लास से आयोजित होता है।
  • इसके अतिरिक्त गुजरात में मकर संक्रांति, नवरात्र, डांगी दरबार, शामला जी मेले तथा भावनाथ मेले का भी आयोजन किया जाता हैं।

पर्यटन स्‍थल

  • गिर के जंगल में लायन सेंक्‍चुरी
  • सोमनाथ मंदिर
  • राज्‍य में द्वारका, सोमनाथ, पालीताना, पावागढ़, अंबाजी भद्रेश्‍वर, शामलाजी, तरंगा और गिरनार जैसे धार्मिक स्‍थलों के अलावा महात्‍मा गाँधी की जन्‍मभूमि पोरबंदर तथा पुरातत्‍व और वास्‍तुकला की दृष्टि से उल्‍लेखनीय पाटन, सिद्धपुर, घुरनली, दभेई, बाडनगर, मोधेरा, लाथल और अमहदाबाद जैसे स्‍थान भी हैं।
  • अहमदपुर मांडती, चारबाड़ उभारत और तीथल के सुंदर समुद्री तट, सतपुड़ा पर्वतीय स्‍थल, गिर वनों के शेरों का अभयारण्‍य और कच्‍छ में जंगली गधों का अभयारण्‍य भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।