इन्दौर

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इन्दौर शहर, पश्चिमी मध्य प्रदेश राज्य, मध्य भारत में स्थित है। यह क्षिप्रा नदी की सहायक सरस्वती एवं खान धाराओं पर स्थित है। स्‍वर कोकिला लता मंगेशकर का शहर इंदौर हाल के दिनो में शिक्षा के केन्द्र के रूप में उभरा है। इसे मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी के रूप में भी जाना जाता है।

इतिहास

1715 में स्थानीय ज़मींदारों ने इंदौर को नर्मदा नदी घाटी मार्ग पर व्यापार केन्द्र के रुप में बसाया था। उन्होंने यहाँ 1741 ई. में इंद्रेश्वर मंदिर बनवाया, जिससे यहाँ का नाम इंदौर पड़ा। यह मराठा होल्कर की पूर्व इंदौर रियासत की राजधानी बन गया। यह ब्रिटिश मध्य भारत संस्था का मुख्यालय एवं मध्य भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी (1948-56) था।

  • मध्य प्रदेश में स्थित प्रसिद्ध शहर इन्दौर, जो अठारहवीं सदी के मध्य में मल्हारसराव होल्कर द्धारा स्थापित किया गया था।
  • होल्कर ने दूसरे पेशवा बाजीराव प्रथम की ओर से अनेक लड़ाइयाँ जीती थीं।
  • उसने मालवा के दक्षिण-पश्चिम भाग को क़ब्ज़े में करके इन्दौर को अपनी राजधानी बनाया।
  • उसकी मृत्यु के पश्चात दो अयोग्य शासक गद्दी पर बैठे, किंतु तीसरी शासिका अहिल्या बाई (1765-1795 ई.) ने शासन कार्य बड़ी सफलता के साथ निष्पादित किया।
  • जनवरी, 1818 में इन्दौर ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया।
  • इन्दौर में होल्कर नरेशों के प्रासाद उल्लेखनीय हैं।

औद्योगिक शहर

इंदौर पश्चिमी मध्य प्रदेश का मुख्य संग्रहण एवं वितरण केन्द्र होने के अलावा वाणिज्यिक एवं औद्योगिक केन्द्र भी है। यहाँ लगभग 6000 से अधिक छोटे-बड़े उद्योग हैं। इसके आसपास के क्षेत्रों में 800 से अधिक उद्योग हैं। इंदौर व्यवसायिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश का प्रमुख वितरण केन्द्र और व्यापार मंडी है। यहाँ किसान अपने उत्पादन को बेचने और औद्योगिक वर्ग से मिलने आते हैं। यहाँ के आसपास की जमीन कृषि-उत्पादन के लिये उत्तम है। इंदौर मध्य-भारत का गेहूँ, मूँगफली और सोयाबीन का प्रमुख उत्पादक है। इन्दौर अपने नमकीनों तथा मसालेदार भोजन के लिए भी जाना जाता है।

यहाँ के प्रमुख उद्योग में कपड़ा, टाइल सीमेंट, रसायन, तंबू, फ़र्नीचर एवं खेल के सामान का उद्योग अनाज मिल तथा धातुकर्म शामिल हैं। यहाँ ऑटो एवं साइकिल और अभियांत्रिकी कार्यशालाएँ भी हैं। पुराने उद्योगों में चर्मशोधक शालाएँ, तेल की मिलें, मिट्टी के बर्तन, लाख की चूड़ियों के साथ-साथ हथकरघा बुनाई छपाई एवं रंगाई तथा निवाड़ निर्माण शामिल हैं। लट्ठा एवं नैनकला यहाँ उत्पादित सूती कपड़े की क़िस्में हैं।

शिक्षण संस्थान

शहर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, सन 1964 ई. में इंदौर विश्वविद्यालय के रुप में स्थापित है। अन्य शैक्षणिक संस्थानों में होल्कर विज्ञान, एस. जी. एस. इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी ऐंड साइंस, अंतर्राष्ट्रीय व्यावसायिक अध्ययन संस्थान (आइ. आइ. पी. एस.), महात्मा गाँधी मेमोरियम मेडिकल कॉलेज, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, चोइथराम हॉस्पिटल ऐंड रिसर्च सेंटर, ग्रामीण महिलाओं के लिए बहाई वोकेशन इंस्टिट्यूट तथा अटॉमिकसेंटर फ़ॉर एडवांस्ड टेक्नोलॉजी शामिल हैं। इंदौर में देश के सबसे पुराने कला विद्यालयों में से एक विष्णु देवलिकर कला विद्यालय है। प्रसिद्ध चित्रकार एन. एस. बेंद्रे एवं एम. एफ. हुसैन इसी विद्यालय की देन हैं। इंदौर उस्ताद अमीर ख़ान द्वारा स्थापित संगीत के इंदौर घराने के लिए भी प्रसिद्ध है। इंदौर की साक्षरता दर काफ़ी ऊँची है। इंदौर में कई आयुर्वेदिक व एलोपैथिक अस्पताल एवं प्रशिक्षण संस्थान हैं। इंदौर कस्तूरबा ग्राम आश्रम का मुख्यालय भी है। शहर में एशिया का पहला एवं विश्व का तीसरा लेज़र किरण परमाणु ऊर्जा केन्द्र स्थापित किया जा रहा है।

परिवहन

वायु मार्ग

इंदौर में एक हवाई अड्डा है। यह हवाई अड्डा देश के प्रमुख शहरों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

रेल मार्ग

यहाँ रेलवे स्‍टेशन भी है। यह रेलवे स्‍टेशन देश के अन्‍य शहरों से जुड़ा हुआ है। यहाँ मुंबई और दिल्ली से सीधी ट्रेन सेवा है।

सड़क मार्ग

इंदौर सड़क मार्ग द्वारा उज्‍जैन (55 किलोमीटर) तथा भोपाल (186 किलोमीटर) से जुड़ा हुआ है।

पर्यटन

मध्‍य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर इंदौर एक प्रमुख पर्यटन स्‍थल है। यह एक ऐतिहासिक शहर है। मध्‍यकाल में यह होल्‍कर राजवंश की राजधानी हुआ करता था। यहाँ अभी भी इस वंश से संबंधित भवनों को देखा जा सकता है। लाल बाग़ पैलेस, बाडा गणपति, कंच मंदिर, टाउन हॉल, केंद्रीय संग्रहालय तथा अन्‍नपूर्णा मंदिर यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्‍थल हैं। इस शहर में अनेक महल हैं जिसमें रजवाड़ा का खास स्‍थान है। यहाँ दो विश्वविद्यालय हैं। इन्दौर शहर की स्‍थापना जमींदार परिवार है जो आज भी बङा रावला जूनी इन्दौर मे निवास करता है। एक पठार पर स्थित यह शहर मराठा वंश के होल्कर राज में मुख्य धारा में आया।

पर्यटक स्थलों में होल्करों द्वारा निर्मित लाल बाग़ महल, काँच मन्दिर जिसमें काँच का अद्भुतकला कौशल है, ख़ान नदी के तट पर कृष्णपुरा छतरी, सातमंज़िला भव्य होल्कर रजवाड़ा महल जिसका केवल अग्रभाग बचा है, बड़ा गणपति जिसमें गणेश की 7.62 मीटर ऊँची मूर्ति है। महात्मा गाँधी सभाकक्ष (1904 में स्थापित एवं मूल रुप से किंग एडवर्ड हॉलके रुप में विख्यात) अपने भव्य घंटाघर के साथ संग्रहालय, जिसमें परमार मूर्तिकला का शानदार संग्रह है। शहर का सबसे पुराना नेहरु उद्यान, जिसमें अब एक तरणताल, पुस्तकालय एवं बच्चों के लिए मनोरंजन केन्द्र है। बाहुबली की 6.4 मीटर ऊँची मूर्ति वाला गोमतगिरि तथा एक ख़ूबसूरत झरना पातालपानी शामिल है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इंदौर शहर की जनसंख्या 15,97,441 है व इंदौर ज़िले की कुल जनसंख्या 25,85321 है।

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