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*'''अकबर द्वितीय''' [[मुग़ल वंश]] का 18वाँ बादशाह था।  
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*बादशाह शाहआलम द्वितीय (1769-1806 ई.) अपने जीवन के अन्तिम दिनों में [[ईस्ट इंडिया कम्पनी]] की पेंशन पर जीवन यापन करता था।
 
*उसका पुत्र बादशाह अकबर द्वितीय ईस्ट इंडिया कम्पनी की कृपा के सहारे नाम मात्र का ही बादशाह था।  
 
*उसका पुत्र बादशाह अकबर द्वितीय ईस्ट इंडिया कम्पनी की कृपा के सहारे नाम मात्र का ही बादशाह था।  
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अकबर द्वितीय
अकबर द्वितीय
पूरा नाम अबु नासिर मुईन उद-दिन मुहम्मद अकबर शाह दिव्तीय
जन्म 22 अप्रॅल, 1760
जन्म भूमि मुकुंदपुर, मुग़ल साम्राज्य
मृत्यु तिथि 28 सितम्बर, 1837
मृत्यु स्थान दिल्ली, मुग़ल साम्राज्य
पिता/माता पिता- शाहआलम द्वितीय, माता- क़दसिया बेगल
धार्मिक मान्यता इस्लाम
पूर्वाधिकारी शाहआलम द्वितीय
वंश मुग़ल वंश
अन्य जानकारी अकबर द्वितीय ने राममोहन राय को 'राजा' की उपाधि प्रदान की थी तथा उनसे इंग्लैंण्ड जाकर बादशाह की पेंशन बढ़ाने की सिफ़ारिश करने का आग्रह किया था।

अकबर द्वितीय (जन्म- 22 अप्रॅल, 1760, मुकुंदपुर; मृत्यु- 28 सितम्बर, 1837, दिल्ली) मुग़ल वंश का 18वाँ बादशाह था। वह शाहआलम द्वितीय का पुत्र था और उसने 1806-1837 ई. तक राज किया। उसके समय तक भारत का अधिकांश राज्य अंग्रेज़ों के हाथों में चला गया था और 1803 ई. में दिल्ली पर भी उनका क़ब्ज़ा हो गया।

  • बादशाह शाहआलम द्वितीय (1769-1806 ई.) अपने जीवन के अन्तिम दिनों में ईस्ट इंडिया कम्पनी की पेंशन पर जीवन यापन करता था।
  • उसका पुत्र बादशाह अकबर द्वितीय ईस्ट इंडिया कम्पनी की कृपा के सहारे नाम मात्र का ही बादशाह था।
  • अकबर द्वितीय से गवर्नर-जनरल लॉर्ड हेस्टिंग्स (1813-1823) की ओर से कहा गया कि वह कम्पनी के क्षेत्र पर अपनी बादशाहत का दावा छोड़ दे।
  • लॉर्ड हेस्टिंग्स ने ईस्ट इंडिया कम्पनी की ओर से मुग़ल बादशाह को दी जाने वाली सहायता आदि की भी नज़रबन्दी कर दी।
  • इस पर अकबर द्वितीय ने राममोहन राय को 'राजा' की उपाधि प्रदान की तथा उनसे इंग्लैंण्ड जाकर बादशाह की पेंशन बढ़ाने की सिफ़ारिश करने का आग्रह किया।
  • अकबर द्वितीय का लड़का और उसका उत्तराधिकारी बादशाह बहादुरशाह द्वितीय (1837-1858 ई.) भारत का अन्तिम मुग़ल बादशाह था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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