वोट -शिवदीन राम जोशी

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वोट-वोट में खोट है खोट-खोट में वोट
दो नम्बर का काम है छप रहे अगनित नोट।
छप रहे अगनित नोट सोट हाथों में लेकर,
आते है कई लोग वोट बातों में देकर।
राजनीति की चाल है चाल-चाल में चाल,
शिवदीन देख क्या हो रहा भारत का बेहाल।
                                   राम गुन गायरे।।


कहीं वोट घबराय दें कहीं-कहीं नंगा नांच,
कहीं वार्ड से एक दो कहीं खडे हैं पांच।
कहीं खडे हैं पांच सांच शरमागई भाई,
कहीं डालते वोट झगड कर लोग लुगाई।
बाप अलग बेटा अलग अलग भ्रात की रीत,
शिवदीन अचंभा देख रे कौन किसी का मीत।
                                   राम गुन गायरे।।
 


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