तैराकी

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तैराकी के लिए जाते हुए खिलाड़ी

तैराकी (अंग्रेजी:Swimming) जलक्रीडा है, जिसे तरण भी कहा जाता है। तैराकी के अन्तर्गत अपने हाथ-पैर की सहायता से जल में गति बनानी होती है। तैराकी स्वास्थ्य की दृष्टि से लाभकारी होती है।

तैराकी कुण्ड

तैराकी कुण्ड (स्वीमिंग पूल) की लम्बाई 50 मीटर तथा इसकी कम से कम चौड़ाई 21 मीटर होती है। इसमें जल की गहराई 1.8 मीटर से अधिक होती है। इसकी लम्बाई में पानी के तल से 0.3 मीटर ऊपर तथा 0.8 मीटर नीचे छूट होगी। लेन 8 जिनकी चौड़ाई 2.5 मीटर है रस्सियों से बँधी होगी। मुकाबले के समय पानी की सतह लगातार एक सी बिना हलचल वाली होनी चाहिए।

अधिकारी

ओलम्पिक खेलों, विश्व चैम्पियनशिप तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिताओं के लिए निम्नलिखित अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं-

प्रतियोगिताएँ
तैराकी प्रतियोगिताएँ लड़कों के लिए (मीटर) लड़कियों के लिए (मीटर)
फ्री स्टाईल 100, 200, 400, 800 तथा 1500 100, 200, 400
बैक- स्ट्रोक 100, 200 100
ब्रैस्ट- स्ट्रोक 100, 200 100
बटर फ्लाई स्ट्रोक 100
रीले 4 x 100 (फ्री स्टाईल) 4x 100 (मैडले) 4 x 100 (फ्री स्टाईल)
  • रैफरी (1)
  • स्टार्टर (1)
  • मुख्य टाईम-कीपर (3)
  • मुख्य जज (1)
  • समाप्ति के जज (प्रति लेन 3)
  • टर्न के इंसपैक्टर (प्रत्येक लेन में दोनों सिरों पर एक-एक)
  • अनाऊंसर (2)
  • रिकार्डर (1)
  • क्लर्क ऑफ दी हाऊस (1)

परंतु अन्य प्रतियोगिताओं के लिए कम से कम निम्नलिखित अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं।

  • रैफरी (1)
  • स्टार्टर (1)
  • टाईम-कीपर (प्रति लेन 1)
  • सामाप्ति के जज (प्रति लेन 1)
  • टर्न तथा स्ट्रोक इंसपैक्टर (प्रत्येक दो लेनों के लिए 1)
  • रिकार्डर (1)

नियम

तैराकी करते हुए खिलाड़ी
  1. तैरते समय प्रतियोगी को बाधा डालने वाला व्यक्ति अयोग्य घोषित किया जाएगा।
  2. किसी त्रुटि (फाऊल) के कारण प्रतियोगी की सफलता की सम्भावना संकट में पड़ने की दशा में जजों को यह अधिकार होगा कि वे उसे अगले दौरे में भाग लेने की आज्ञा दे दें। यदि त्रुटि फाइनल में हुई होगी तो उसे पुनः तैरने की आज्ञा दी जा सकती है।
  3. लौटते समय तैराकी कुण्ड अथवा मार्ग के अंत को एक अथवा दोनों हाथों से स्पर्श करेंगे। गृह के तल से डग मारने की अनुमति नहीं।
  4. दौड़ के समय यदि प्रतियोगी तल पर खड़ा हो जाए तो उसे अयोग्य नहीं घोषित किया जाएगा, परंतु वह चलेगा नहीं।
  5. जल मार्ग की सारी दूरी पार करने वाला प्रतियोगी ही विजेता घोषित किया जाएगा।
  6. रिले दौड़ में जिस प्रतियोगी टीम के पाँव निवर्तित साथी के दीवार से स्पर्श से पूर्व भूमि से हट जाएँगे, वह अयोग्य घोषित किया जाएगा जब तक कि अपराधी प्रतियोगी मूल प्रारम्भ बिन्दु पर न लौट आए। प्रारम्भ प्लेटफार्म तक लौटना आवश्यक नहीं।
  7. प्रतियोगिता के समय किसी प्रतियोगी को कोई ऐसी वस्तु प्रयोग में लाने अथवा पहनने की आज्ञा नहीं होगी, जो कि उसकी तैरने की गति तथा सहिष्णुता बढ़ाने में सहायता प्रदान करे।

विभिन्न प्रकार

बटर फलाई स्ट्रोक-

इसमें दोनो बाज़ू पानी की सतह के ऊपर इकट्ठे आगे से पीछे ले जाने पड़ते हैं। मुक़ाबला शुरू होने पर और समाप्त होने पर छाती ऊपर और दोनों कन्धे पानी की सतह पर संतुलित हो, पाँवों की क्रियाएँ इकट्ठी हो।

फ्री स्टाईल-

फ्री स्टाईल तैराकी का अर्थ किस प्रकार या ढंग से तैराकी है, इससे भाव तैरने का ढंग जो कि बटर फ्लाई स्ट्रोक, ब्रैस्ट स्ट्रोक या बैक स्ट्रोक से अलग हो। फ्री स्टाईल में तैराक का कूदते समय और दौड़ की समाप्ति के समय तैराकी कुंड की दीवार को हाथ से छूना ज़रूरी नहीं। वह अपने शरीर के किसी अंग से छू सकता है।

बैक स्ट्रोक-

इसमें भाग लेने वाले शुरू होने वाले स्थान पर उस ओर मुँह करके हाथ कुण्ड पर रखें, पैर पानी में होने ज़रूरी है। गढ़े में खड़े नहीं हो सकते। शुरू का संकेत मिलने पर दौड़ते समय बैक से (पीठ से) तैरेंगे।

ब्रैस्ट स्ट्रोक-

इसमें शरीर तथा छाती संतुलित, और दानों कन्धे पानी की सतह के बराबर होंगे। हाथों और पाँवों की क्रियाएँ इकट्ठी होंगी जो कि एक लाईन में हों। छाती से दोनों हाथ इकट्ठे आगे, पानी के अन्दर या ऊपर और पीछे जाने चाहिए। टाँगों की क्रिया में पाँव पीछे से आगे की तरफ मुड़ें। मछली की तरह क्रिया नहीं की जा सकती। मुड़ते समय या समाप्ति पर दोनों हाथों से पानी के अन्दर या ऊपर ज़रूरी है। सिर का हिस्सा पानी की सतह से ऊपर रहना ज़रूरी है।


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