अपराध (सूक्तियाँ)

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क्रमांक सूक्तियाँ सूक्ति कर्ता
(1) दूसरों के प्रति किये गए छोटे अपराध अपने प्रति किये गए बड़े अपराध हैं जिनका फक हमें भुगतना ही होता है। अज्ञात
(2) अपराध मनुष्य के मुख पर लिखा होता है। महात्मा गाँधी
(3) अपराधी मन संदेह का अड्डा है। शेक्सपीयर
(4) सर्वसाधारण जनता की उपेक्षा एक बड़ा राष्ट्रीय अपराध है। स्वामी विवेकानंद
(5) संसार में ऐसे अपराध कम ही हैं जिन्हें हम चाहें और क्षमा न कर सकें। शरतचंद्र
(6) भारतीय संस्कृति और धर्म के नाम पर लोगों को जो परोसा जा रहा है वह हमें धर्म के अपराधीकरण की ओर ले जा रहा है। इसके लिये पंडे, पुजारी, पादरी, महंत, मौलवी, राजनेता आदि सभी ज़िम्मेदार हैं। ये लोग धर्म के नाम पर नफरत की दुकानें चलाकर समाज को बांटने का काम कर रहे हैं। स्वामी रामदेव
(7) विफलता नहीं, बल्कि दोयम दर्जे का लक्ष्य एक अपराध है। अज्ञात
(8) अन्याय सहने वाला भी उतना ही अपराधी होता है जितना करने वाला क्योंकि अगर अन्याय न सहा जाये तो कोई भी अन्याय करने का साहस नहीं करेगा। टैगोर
(9) अपराध स्वीकार कर लेने से, वह आधा हो जाता है। पुर्तग़ाली कहावत
(10) सफल क्रांतिकारी, राजनीतिज्ञ होता है; असफल अपराधी। एरिक फ्रॉम
(11) अपराधी को दंड से नहीं रोका जा सकता। रस्किन
(12) अपराधी के दंड में उपयोगिता होनी चाहिए। वाल्टेयर
(13) अपराधी : दुनिया के बाकी लोगों जैसा ही मनुष्य, सिवाय इसके कि वह पकड़ा गया है।
(14) अपराध करने के बाद भय उत्पन्न होता है ओर यही उसका दण्ड है। वाल्टेयर
(15) अपकीर्ति दण्ड में नहीं, अपितु अपराध में है। एलफिरी
(16) सबपर दया करनी चाहिए क्योंकि ऐसा कोई नहीं है जिसने कभी अपराध नहीं किया हो। रामायण
(17) अपनी सामर्थ्य का पूर्ण विकास न करना दुनिया में सबसे बड़ा अपराध है। जब आप अपनी पूर्ण क्षमता के साथ कार्य निष्पादन करते हैं, तब आप दूसरों की सहायता करते हैं। रोजर विलियम्स
(18) अपराध होने ही न देना अपराधियों को दंडित करने से बेहतर है। सीज़र बेकरिया, दार्शनिक और राजनीतिज्ञ (1738-1794)
(19) पुस्तक एक बग़ीचा है जिसे जेब में रखा जा सकता है, किताबों को नहीं पढ़ना किताबों को जलाने से बढ़कर अपराध है। रे ब्रेडबरी
(20) दुनिया में सबसे बड़ा अपराध अपनी संभावनाओं, का विकास न करना है, जब आप कोई भी काम बेहतर तरीके से करते हैं तो न केवल अपनी मदद करते हैं बल्कि पूरी दुनिया की मदद करते हैं। रोजर विलियम्‍स
(21) खुशी का वास्तविक रहस्य निम्नलिखित है: जीवन जीने और जीने देने का उत्साह, तथा अपने मन में यह स्पष्ट आभास कि झगड़ालू व्यक्ति होना एक अक्षम्य अपराध है। गैलेन स्टार्र रोस्स
(22) अपराध करने के बाद डर पैदा होता है और यही उसका दण्ड है।
(23) इस संसार में कमज़ोर रहना सबसे बड़ा अपराध है।
(24) विचारों की अपवित्रता ही हिंसा, अपराध, क्रूरता, शोषण, अन्याय, अधर्म और भ्रष्टाचार का कारण है।
(25) भगवान‌ की दण्ड संहिता में असामाजिक प्रवृत्ति भी अपराध है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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