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'''हेड़ाखान मंदिर''' [[उत्तराखण्ड]] के प्रसिद्ध पहाड़ी पर्यटन स्थल [[रानीखेत]] के अंतर्गत ही आता हैं और रानीखेत के सड़क मार्ग से कुछ हटकर NH-87 मार्ग के पास ही हैं। यह सफ़ेद संगमरमर से निर्मित भव्य मंदिर रानीखेत से करीब चार या पांच किलोमीटर दूर [[हिमालय]] की सुरम्य वादियों में एक रमणीक पहाड़ी पर स्थित हैं। इस मंदिर से हिमालय का बड़ा ही शानदार नज़ारा नजर आता हैं, यदि [[आकाश]] साफ़ हो और धुंध न हो तो सैकड़ों किलोमीटर दूर हिमालय की बर्फ से ढकी मुख्य चोटियाँ जैसे पंचचुली, नंदादेवी, चौखम्बा आदि नजर आती हैं। [[समुद्र]] तल से इस मंदिर की ऊँचाई लगभग 1835 मीटर हैं।  
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'''हेड़ाखान मंदिर''' [[उत्तराखण्ड]] के प्रसिद्ध पहाड़ी पर्यटन स्थल [[रानीखेत]] के अंतर्गत ही आता हैं और रानीखेत के सड़क मार्ग से कुछ हटकर NH-87 मार्ग के पास ही हैं। यह सफ़ेद संगमरमर से निर्मित भव्य मंदिर रानीखेत से क़रीब चार या पांच किलोमीटर दूर [[हिमालय]] की सुरम्य वादियों में एक रमणीक पहाड़ी पर स्थित हैं। इस मंदिर से हिमालय का बड़ा ही शानदार नज़ारा नजर आता हैं, यदि [[आकाश]] साफ़ हो और धुंध न हो तो सैकड़ों किलोमीटर दूर हिमालय की बर्फ से ढकी मुख्य चोटियाँ जैसे पंचचुली, नंदादेवी, चौखम्बा आदि नजर आती हैं। [[समुद्र]] तल से इस मंदिर की ऊँचाई लगभग 1835 मीटर हैं।  
 
==मान्यता==
 
==मान्यता==
 
इस मंदिर को [[कुमाऊँ]] के प्रसिद्ध संत बाबा हेड़ाखान ने स्थापित किया था। उन्होंने कई वर्षों तक इस स्थान पर ध्यान और तप किया था और स्थानीय लोगो द्वारा पूजे जाते थे। अब बाबा की मृत्यू के पश्चात इस मंदिर में बाबा के मूर्ति रूप की पूजा की जाती है। यहाँ के निवासी और उनके असंख्य भक्त बाबा को भगवान [[शिव]] का [[अवतार]] मानते हैं और बाबा को श्री श्री 1008 बाबा हेड़ाखान महाराज के नाम से जाना जाता हैं। यह मंदिर भगवान शिव और बाबा हेड़ाखान जी महाराज को समर्पित हैं।  
 
इस मंदिर को [[कुमाऊँ]] के प्रसिद्ध संत बाबा हेड़ाखान ने स्थापित किया था। उन्होंने कई वर्षों तक इस स्थान पर ध्यान और तप किया था और स्थानीय लोगो द्वारा पूजे जाते थे। अब बाबा की मृत्यू के पश्चात इस मंदिर में बाबा के मूर्ति रूप की पूजा की जाती है। यहाँ के निवासी और उनके असंख्य भक्त बाबा को भगवान [[शिव]] का [[अवतार]] मानते हैं और बाबा को श्री श्री 1008 बाबा हेड़ाखान महाराज के नाम से जाना जाता हैं। यह मंदिर भगवान शिव और बाबा हेड़ाखान जी महाराज को समर्पित हैं।  

14:08, 16 नवम्बर 2014 का अवतरण

हेड़ाखान मंदिर उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध पहाड़ी पर्यटन स्थल रानीखेत के अंतर्गत ही आता हैं और रानीखेत के सड़क मार्ग से कुछ हटकर NH-87 मार्ग के पास ही हैं। यह सफ़ेद संगमरमर से निर्मित भव्य मंदिर रानीखेत से क़रीब चार या पांच किलोमीटर दूर हिमालय की सुरम्य वादियों में एक रमणीक पहाड़ी पर स्थित हैं। इस मंदिर से हिमालय का बड़ा ही शानदार नज़ारा नजर आता हैं, यदि आकाश साफ़ हो और धुंध न हो तो सैकड़ों किलोमीटर दूर हिमालय की बर्फ से ढकी मुख्य चोटियाँ जैसे पंचचुली, नंदादेवी, चौखम्बा आदि नजर आती हैं। समुद्र तल से इस मंदिर की ऊँचाई लगभग 1835 मीटर हैं।

मान्यता

इस मंदिर को कुमाऊँ के प्रसिद्ध संत बाबा हेड़ाखान ने स्थापित किया था। उन्होंने कई वर्षों तक इस स्थान पर ध्यान और तप किया था और स्थानीय लोगो द्वारा पूजे जाते थे। अब बाबा की मृत्यू के पश्चात इस मंदिर में बाबा के मूर्ति रूप की पूजा की जाती है। यहाँ के निवासी और उनके असंख्य भक्त बाबा को भगवान शिव का अवतार मानते हैं और बाबा को श्री श्री 1008 बाबा हेड़ाखान महाराज के नाम से जाना जाता हैं। यह मंदिर भगवान शिव और बाबा हेड़ाखान जी महाराज को समर्पित हैं।



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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