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12:13, 31 जनवरी 2012 के समय का अवतरण
हरियाणा धार्मिक और ऐतिहासिक इमारतों की दृष्टि से समृध्द है। चाहे मामला कुरुक्षेत्र की पवित्र धरती पर श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को गीता का ज्ञान देने का हो, पानीपत की तीन महत्त्वपूर्ण लड़ाइयों का हो या फिर फ़िरोज़शाह तुग़लक़ द्वारा अपनी प्रेमिका गूजरी के लिए बीहड़ बयांबान जंगल में हिसारे-फिरोजां का निर्माण कर उसमें गूजरी महल बनवाने का हो। यहां के कण-कण में इतिहास बोलता है। राज्य में रूरल टूरिज्म को बढ़ावा की एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी है।[1]
हरियाणा में 44 से ज़्यादा पर्यटन स्थल हैं। प्रमुख पर्यटन केंद्रों में-
- ब्लू जे (समालखा)
- स्काईलार्क (पानीपत)
- चक्रवर्ती झील और ओएसिस (उचाना)
- पराकीट (पीपली)
- किंगफिशर (अंबाला)
- मैगपाई (फ़रीदाबाद)
- दबचिक (होडल)
- जंगल बबलर (धारूहेड़ा)
- रेड बिशप (पंचकुला ब्लू बर्ड) (हिसार)
- शमा (गुड़गांव)
- गौरैया (बहादुरगढ़)
- पिंजौर गार्डन (पिंजौर)
- दिल्ली के पास सूरजकुंड और बड़खल झील
- सुल्तानपुर पक्षी विहार (सुल्तानुपर, गुड़गांव)
- दमदमा (गुड़गांव)
- चीड़ वन के लिए प्रसिद्ध मोरनी पहाड़ियाँ पर्यटकों की रुचि के कुछ अन्य केंद्र हैं।
- सूरजकुंड के प्रसिद्ध शिल्प मेले का हर साल फ़रवरी में आयोजन किया जाता है।
- पिंजौर उत्सव भी प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ख़ान, फ़िरदौस। हरियाणा के ग्रामीण अंचल पर मोहित पर्यटन (हिन्दी) मेरी डायरी। अभिगमन तिथि: 6 जून, 2011।