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*जब [[रविवार]] को [[रोहिणी]] [[नक्षत्र]] हो तो उसे सौम्य नाम से पुकारा जाता है। | *जब [[रविवार]] को [[रोहिणी]] [[नक्षत्र]] हो तो उसे सौम्य नाम से पुकारा जाता है। | ||
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18:54, 25 फ़रवरी 2011 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- जब रविवार को रोहिणी नक्षत्र हो तो उसे सौम्य नाम से पुकारा जाता है।
- इस दिन पर स्नान, दान, जप, होम, पितरों एवं देवों के तर्पण से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं।
- नक्तविधि एवं लाल कमलों, लाल चन्दन लेप, सुगन्ध धूप एवं पायस (नैवेद्य के रूप में) से सूर्य पूजा करनी चाहिए।
- ऐसी मान्यता है कि सौम्य विधि से पापों से मुक्ति मिलती है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कृत्यकल्पतरु (व्रत खण्ड 13-14); हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 524)
संबंधित लेख
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