"लिंग" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('संज्ञा के उस रूप को लिंग कहते हैं, ज...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
 
(4 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 15 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]] के उस रूप को लिंग कहते हैं, जिसके द्वारा वाचक [[शब्द (व्याकरण)|शब्दों]] की जाति का बोध होता है। [[हिन्दी]] में केवल दो लिंग होते हैं-
+
[[संज्ञा (व्याकरण)|संज्ञा]] के उस रूप को लिंग कहते हैं, जिसके द्वारा वाचक [[शब्द (व्याकरण)|शब्दों]] की जाति का बोध होता है।  
*पुल्लिंग
+
==भेद==
*स्त्रीलिंग
+
हिन्दी में केवल दो लिंग होते हैं-
 
+
 
====<u>पुल्लिंग</u>====
+
'''<u>[[पुल्लिंग]]</u>''' - जो संज्ञापद पुरुष वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं। जैसे, लड़का, आदमी, घोड़ा, शेर, बकरा, राजा आदि।
*जो संज्ञापद पुरुष वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं।  
+
 
*जैसे, लड़का, आदमी, घोड़ा, शेर, बकरा, राजा आदि।
+
'''<u>[[स्त्रीलिंग]]</u>''' - जो संज्ञापद स्त्री वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे, लड़की, औरत, घोड़ी, शेरनी, बकरी, रानी आदि।
====<u>स्त्रीलिंग</u>====
 
*जो संज्ञापद स्त्री वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं।  
 
*जैसे, लड़की, औरत, घोड़ी, शेरनी, बकरी, रानी आदि।
 
 
 
 
==पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम==
 
==पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम==
*सम्बन्धवाचक तथा प्राणिवाचक आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'ई' लगाकर अथवा अ या आ के स्थान पर 'ई' कर देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
+
; 1. सम्बन्धवाचक तथा प्राणिवाचक आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'ई' लगाकर अथवा अ या आ के स्थान पर 'ई' कर देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।  
{|  
+
{| width="20%" class="bharattable-green" border="1" style="margin:5px; float:right"
 
|-valign="top"
 
|-valign="top"
 
|
 
|
{| class="bharattable" border="1"
+
{|  
|+सम्बन्धवाचक <br />शब्द
+
|+सम्बन्धवाचक शब्द
 
|-
 
|-
 
! पुल्लिंग
 
! पुल्लिंग
पंक्ति 34: पंक्ति 30:
 
|}
 
|}
 
|
 
|
{| class="bharattable" border="1"
+
{|  
|+प्राणिवाचक <br />शब्द
+
|+प्राणिवाचक शब्द
 
|-
 
|-
 
! पुल्लिंग
 
! पुल्लिंग
पंक्ति 54: पंक्ति 50:
 
|}
 
|}
  
*कुछ आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'इया' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
+
; 2. कुछ आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'इया' लगा देने से स्त्रीलिंग [[पद]] बन जाते हैं।  
{| class="bharattable" border="1"
+
<blockquote>जैसे- बूढ़ा – बुढ़िया,
|-
+
बेटा – बिटिया,
! पुल्लिंग
+
कुत्ता – कुतिया,
! स्त्रीलिंग
+
चूहा – चुहिया</blockquote>
|-
+
; 3. कुछ प्राणिवाचक संज्ञाओं के अन्त में 'इन' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।
| बूढ़ा
+
<blockquote>जैसे- साँप – साँपिन,
| बुढ़िया
+
बाघ – बाघिन,
|-
+
नाग – नागिन,
| बेटा
+
नाती – नातिन</blockquote>
| बिटिया
+
; 4. किसी व्यवसाय अथवा पेशे का बोध कराने वाली पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में भी 'इन' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
|-
+
<blockquote>जैसे- माली – मालिन,
| कुत्ता
+
नाई – नाइन,
| कुतिया
+
चमार – चमारिन,
|-
+
लुहार – लुहारिन</blockquote>
| चूहा
+
; 5. कुछ प्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'नी' जोड़ देने से भी स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।
| चुहिया
+
<blockquote>जैसे- सिंह – सिंहनी,
|}
+
शेर – शेरनी,
 
+
ऊँट – ऊँटनी,
*कुछ प्राणिवाचक संज्ञाओं के अन्त में 'इन' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
+
मोर – मोरनी</blockquote>
{| class="bharattable" border="1"
+
; 6. कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'आनी' जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।
|-
+
<blockquote>जैसे- सेठ – सेठानी,
! पुल्लिंग
+
चौधरी – चौधरानी,
! स्त्रीलिंग
+
देवर – देवरानी,
|-
+
नौकर – नौकरानी</blockquote>
| साँप
+
; 7. कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'आइन' जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।  
| साँपिन
+
<blockquote>जैसे- पंडित – पंडिताइन,
|-
+
ठाकुर – ठकुराइन,
| बाघ
+
चौधरी – चौधराइन</blockquote>
| बाघिन
+
; 8. कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के स्त्रीलिंग पद पूर्णतया भिन्न होते हैं।
|-
+
<blockquote>जैसे- पुरुष – स्त्री,
| नाग
+
मर्द – औरत,
| नागिन
+
पिता – माता,
|-
+
बाप – माँ</blockquote>
| नाती
+
; 9. कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के पहले 'मादा' लगाकर स्त्रीलिंग पद बनाये जाते हैं।
| नातिन
+
<blockquote>जैसे- भालू – मादा भालू,
|}
+
भेड़िया – मादा भेड़िया,
 +
खरगोश – मादा खदगोश</blockquote>
 +
; 10. कुछ स्त्रीलिंग संज्ञाओं के पहले 'नर' लगाकर पुल्लिंग पद भी बनाये जाते हैं।
 +
<blockquote>जैसे- मछली – नर मछली,
 +
छिपकली – नर छिपकली,
 +
चील – नर चील</blockquote>
 +
 
 +
; 11. कुछ स्त्रीलिंग संज्ञाओं के आगे 'आ' जोड़कर भी पुल्लिंग पद बना लिये जाते हैं।
 +
<blockquote>जैसे- भैंस – भैंसा,
 +
भेड़ – भेड़ा,
 +
मौसी – मौसा,
 +
जीजी – जीजा</blockquote>
 +
 
 +
====<u>विशेष</u>====
 +
; 1. जिन पदों पर साधारणतया पुरुष वर्ग ही आसीन होता रहा है, उनके सूचक संज्ञा पदों को पुल्लिंग ही माना जाता है, चाहे उन पर स्त्रियाँ ही आसीन क्यों न हो।
 +
 
 +
:'''उदाहरण'''- [[राष्ट्रपति]], राज्यपाल, मंत्री, ज़िलाधिकारी, सिपाही, पटवारी आदि।
 +
 
 +
; 2. जाति, उपजाति, देश, देशवासी, सागर, वार और [[ग्रह]] के सूचक शब्द पुल्लिंग होते हैं। <br />
 +
:'''<u>जाति</u>''' - [[ब्राह्मण]], क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, [[हिन्दू धर्म|हिन्दू]], [[मुसलमान]], [[ईसाई धर्म|ईसाई]] आदि।
 +
 
 +
:'''<u>उपजाति</u>''' - मिश्र, पांडेय, कायस्थ, खन्ना, कपूर, अग्रवाल आदि।
 +
 
 +
:'''<u>देश</u>''' - [[भारत]], [[जापान]], [[चीन]], रूस, [[अमेरिका]] आदि।
 +
 
 +
:'''<u>देशवासी</u>''' - भारतीय, चीनी, जापानी, रूसी, बर्मी आदि।
 +
 
 +
:'''<u>सागर</u>''' - [[हिन्द महासागर|हिन्द]], प्रशान्त, लाल, काला, [[भूमध्य सागर|भूमध्य]] आदि।
 +
 +
:'''<u>वार</u>''' - [[सोमवार]], [[मंगलवार]], [[बुधवार]] आदि।
 +
 
 +
:'''<u>ग्रह</u>''' - [[सूर्य ग्रह|सूर्य]], [[शनि ग्रह|शनि]], [[वरुण ग्रह]] आदि।
 +
 
 +
; 3. [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]], तिथि, राशि, नदी और भाषा के सूचक शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।
 +
 
 +
:'''<u>पृथ्वी</u>''' - धरती, मही, वसुन्धरा।
  
*किसी व्यवसाय अथवा पेशे का बोध कराने वाली पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में भी 'इन' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
+
:'''<u>तिथि</u>''' - परिवा, दौज, तीज, चौथ, [[अमावस्या]], [[पूर्णिमा]]।
{| class="bharattable" border="1"
 
|-
 
! पुल्लिंग
 
! स्त्रीलिंग
 
|-
 
| माली
 
| मालिन
 
|-
 
| नाई
 
| नाइन
 
|-
 
| चमार
 
| चमारिन
 
|-
 
| लुहार
 
| लुहारिन
 
|}
 
  
*कुछ प्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'नी' जोड़ देने से भी स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
+
:'''<u>राशि</u>''' - कुम्भ, मीन, तुला, सिंह।
{| class="bharattable" border="1"
 
|-
 
! पुल्लिंग
 
! स्त्रीलिंग
 
|-
 
| सिंह
 
| सिंहनी
 
|-
 
| शेर
 
| शेरनी
 
|-
 
| ऊँट
 
| ऊँटनी
 
|-
 
| मोर
 
| मोरनी
 
|}
 
  
*कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'आनी' जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
+
:'''<u>नदी</u>''' - [[गंगा]], [[यमुना]], [[कावेरी नदी|कावेरी]], [[गोदावरी नदी|गोदावरी]]।
{| class="bharattable" border="1"
 
|-
 
! पुल्लिंग
 
! स्त्रीलिंग
 
|-
 
| सेठ
 
| सेठानी
 
|-
 
| चौधरी
 
| चौधरानी
 
|-
 
| देवर
 
| देवरानी
 
|-
 
| नौकर
 
| नौकरानी
 
|}
 
  
*कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'आइन' जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-
+
:'''<u>भाषा</u>''' - [[हिन्दी]], [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]], [[उर्दू]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[गुजराती भाषा|गुजराती]]।
{| class="bharattable" border="1"
 
|-
 
! पुल्लिंग
 
! स्त्रीलिंग
 
|-
 
| पंडित
 
| पंडिताइन
 
|-
 
| ठाकुर
 
| ठकुराइन
 
|-
 
| चौधरी
 
| चौधराइन
 
|}
 
*कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के स्त्रीलिंग पद पूर्णतया भिन्न् होते हैं। जैसे-
 
{| class="bharattable" border="1"
 
|-
 
! पुल्लिंग
 
! स्त्रीलिंग
 
|-
 
| पुरुष
 
| स्त्री
 
|-
 
| मर्द
 
| औरत
 
|-
 
| पिता
 
| माता
 
|-
 
| बाप
 
| माँ
 
|}
 
*कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के पहले 'मादा' लगाकर स्त्रीलिंग पद बनाये जाते हैं। जैसे-
 
{| class="bharattable" border="1"
 
|-
 
! पुल्लिंग
 
! स्त्रीलिंग
 
|-
 
| भालू
 
| मादा भालू
 
|-
 
| भेड़िया
 
| मादा भेड़िया
 
|-
 
| खरगोश
 
| मादा खदगोश
 
|}
 
*कुछ स्त्रीलिंग संज्ञाओं के पहले 'नर' लगाकर पुल्लिंग पद भी बनाये जाते हैं। जैसे-
 
{| class="bharattable" border="1"
 
|-
 
! पुल्लिंग
 
! स्त्रीलिंग
 
|-
 
| मछली
 
| नर मछली
 
|-
 
| छिपकली
 
| नर छिपकली
 
|-
 
| चील
 
| नर चील
 
|}
 
*कुछ स्त्रीलिंग संज्ञाओं के आगे 'आ' जोड़कर भी पुल्लिंग पद बना लिये जाते हैं। जैसे-
 
{| class="bharattable" border="1"
 
|-
 
! पुल्लिंग
 
! स्त्रीलिंग
 
|-
 
| भैंस
 
| भैंसा
 
|-
 
| भेड़
 
| भेड़ा
 
|-
 
| मौसी
 
| मौसा
 
|-
 
| जीजी
 
| जीजा
 
|}
 
====<u>विशेष</u>====
 
1. जिन पदों पर साधारणतया पुरुष वर्ग ही आसीन होता रहा है, उनके सूचक संज्ञा पदों को पुल्लिंग ही माना जाता है, चाहे उन पर स्त्रियाँ ही आसीन क्यों न हो।
 
*जैसे- राष्ट्रपति, राज्यपाल, मंत्री, ज़िलाधिकारी, सिपाही, पटवारी आदि।
 
 
 
2. जाति, उपजाति, देश, देशवासी, सागर, वार और ग्रह के सूचक शब्द पुल्लिंग होते हैं। जैसे-
 
*जाति-ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, हिन्दू, मुसलमान, ईसाई आदि।
 
*उपजाति-मिश्र, पांडेय, कायस्थ, खन्ना, कपूर, अग्रवाल आदि।
 
*देश-भारत, जापान, चीन, रूस, अमरीका आदि।
 
*देशवासी-भारतीय, चीनी, जापानी, रूसी, बर्मी आदि।
 
*सागर-हिन्द, प्रशान्त, लाल, काला, भूध्य आदि।
 
*वार-सोम, मंगल, बुध आदि।
 
*ग्रह-सूर्य, शनि, नैपच्यून आदि।
 
 
 
3. पृथ्वी, तिथि, राशि, नदी और भाषा के सूचक शब्द स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे-
 
*पृथ्वी-धरती, मही, वसुन्धरा।
 
*तिथि-परिवा, दौज, तीज, चौथ, अमावस्या, पूर्णिमा।
 
*राशि-कुम्भ, मीन, तुला, सिंह।
 
*नदी-गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी।
 
*भाषा-हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, मराठी, गुजराती।
 
 
 
4. अंगवाचक शब्द व्यवहार के अनुसार कुछ पुल्लिंग और कुछ स्त्रीलिंग माने जाते हैं। जैसे-
 
*पुल्लिंग- हाथ, पैर, मस्तक, सिर, बाल, पेट, घुटना, पलक, होठ, दाँत, कण्ठ, गाल, पंजा, अंगूठा, नाखून।
 
*स्त्रीलिंग- नाक, आँख, जीभ, पुतली, छाती, पीट, जाँघ, गुदा, एड़ी, हथेली, कुहनी, टाँग, कमर, उँगली, कलाई।
 
  
 +
; 4. अंगवाचक शब्द व्यवहार के अनुसार कुछ पुल्लिंग और कुछ स्त्रीलिंग माने जाते हैं। जैसे-
  
 +
:'''<u>पुल्लिंग</u>''' - हाथ, पैर, मस्तक, सिर, बाल, पेट, घुटना, पलक, होठ, दाँत, कण्ठ, गाल, पंजा, अंगूठा, नाख़ून।
  
 +
:'''<u>स्त्रीलिंग</u>''' - नाक, आँख, जीभ, पुतली, छाती, पीट, जाँघ, गुदा, एड़ी, हथेली, कुहनी, टाँग, कमर, उँगली, कलाई।
 +
{{प्रचार}}
 
{{लेख प्रगति
 
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
+
|आधार=
|प्रारम्भिक=
+
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
 
|माध्यमिक=
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|पूर्णता=
 
|शोध=
 
|शोध=
 
}}
 
}}
 +
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
[[Category:नया पन्ना]]
+
==संबंधित लेख==
__INDEX__
+
{{व्याकरण}}
 +
[[Category:हिन्दी भाषा]][[Category:भाषा कोश]]
 +
[[Category:व्याकरण]]
 +
__NOTOC__

07:35, 18 जनवरी 2012 के समय का अवतरण

संज्ञा के उस रूप को लिंग कहते हैं, जिसके द्वारा वाचक शब्दों की जाति का बोध होता है।

भेद

हिन्दी में केवल दो लिंग होते हैं-

पुल्लिंग - जो संज्ञापद पुरुष वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं। जैसे, लड़का, आदमी, घोड़ा, शेर, बकरा, राजा आदि।

स्त्रीलिंग - जो संज्ञापद स्त्री वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे, लड़की, औरत, घोड़ी, शेरनी, बकरी, रानी आदि।

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम

1. सम्बन्धवाचक तथा प्राणिवाचक आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'ई' लगाकर अथवा अ या आ के स्थान पर 'ई' कर देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।
सम्बन्धवाचक शब्द
पुल्लिंग स्त्रीलिंग
चाचा चाची
मामा मामी
काका काकी
साला साली
प्राणिवाचक शब्द
पुल्लिंग स्त्रीलिंग
पुत्र पुत्री
नट नटी
दास दासी
बकरा बकरी
2. कुछ आकारान्त पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'इया' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।

जैसे- बूढ़ा – बुढ़िया,

बेटा – बिटिया, कुत्ता – कुतिया,

चूहा – चुहिया

3. कुछ प्राणिवाचक संज्ञाओं के अन्त में 'इन' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।

जैसे- साँप – साँपिन,

बाघ – बाघिन, नाग – नागिन,

नाती – नातिन

4. किसी व्यवसाय अथवा पेशे का बोध कराने वाली पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में भी 'इन' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे-

जैसे- माली – मालिन,

नाई – नाइन, चमार – चमारिन,

लुहार – लुहारिन

5. कुछ प्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'नी' जोड़ देने से भी स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।

जैसे- सिंह – सिंहनी,

शेर – शेरनी, ऊँट – ऊँटनी,

मोर – मोरनी

6. कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'आनी' जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।

जैसे- सेठ – सेठानी,

चौधरी – चौधरानी, देवर – देवरानी,

नौकर – नौकरानी

7. कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के अन्त में 'आइन' जोड़ देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं।

जैसे- पंडित – पंडिताइन,

ठाकुर – ठकुराइन,

चौधरी – चौधराइन

8. कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के स्त्रीलिंग पद पूर्णतया भिन्न होते हैं।

जैसे- पुरुष – स्त्री,

मर्द – औरत, पिता – माता,

बाप – माँ

9. कुछ पुल्लिंग संज्ञाओं के पहले 'मादा' लगाकर स्त्रीलिंग पद बनाये जाते हैं।

जैसे- भालू – मादा भालू,

भेड़िया – मादा भेड़िया,

खरगोश – मादा खदगोश

10. कुछ स्त्रीलिंग संज्ञाओं के पहले 'नर' लगाकर पुल्लिंग पद भी बनाये जाते हैं।

जैसे- मछली – नर मछली,

छिपकली – नर छिपकली,

चील – नर चील

11. कुछ स्त्रीलिंग संज्ञाओं के आगे 'आ' जोड़कर भी पुल्लिंग पद बना लिये जाते हैं।

जैसे- भैंस – भैंसा,

भेड़ – भेड़ा, मौसी – मौसा,

जीजी – जीजा

विशेष

1. जिन पदों पर साधारणतया पुरुष वर्ग ही आसीन होता रहा है, उनके सूचक संज्ञा पदों को पुल्लिंग ही माना जाता है, चाहे उन पर स्त्रियाँ ही आसीन क्यों न हो।
उदाहरण- राष्ट्रपति, राज्यपाल, मंत्री, ज़िलाधिकारी, सिपाही, पटवारी आदि।
2. जाति, उपजाति, देश, देशवासी, सागर, वार और ग्रह के सूचक शब्द पुल्लिंग होते हैं।
जाति - ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, हिन्दू, मुसलमान, ईसाई आदि।
उपजाति - मिश्र, पांडेय, कायस्थ, खन्ना, कपूर, अग्रवाल आदि।
देश - भारत, जापान, चीन, रूस, अमेरिका आदि।
देशवासी - भारतीय, चीनी, जापानी, रूसी, बर्मी आदि।
सागर - हिन्द, प्रशान्त, लाल, काला, भूमध्य आदि।
वार - सोमवार, मंगलवार, बुधवार आदि।
ग्रह - सूर्य, शनि, वरुण ग्रह आदि।
3. पृथ्वी, तिथि, राशि, नदी और भाषा के सूचक शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।
पृथ्वी - धरती, मही, वसुन्धरा।
तिथि - परिवा, दौज, तीज, चौथ, अमावस्या, पूर्णिमा
राशि - कुम्भ, मीन, तुला, सिंह।
नदी - गंगा, यमुना, कावेरी, गोदावरी
भाषा - हिन्दी, अंग्रेज़ी, उर्दू, मराठी, गुजराती
4. अंगवाचक शब्द व्यवहार के अनुसार कुछ पुल्लिंग और कुछ स्त्रीलिंग माने जाते हैं। जैसे-
पुल्लिंग - हाथ, पैर, मस्तक, सिर, बाल, पेट, घुटना, पलक, होठ, दाँत, कण्ठ, गाल, पंजा, अंगूठा, नाख़ून।
स्त्रीलिंग - नाक, आँख, जीभ, पुतली, छाती, पीट, जाँघ, गुदा, एड़ी, हथेली, कुहनी, टाँग, कमर, उँगली, कलाई।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख