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देव - प्रजापति</poem>
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[[चित्र:Rohini-Nakshatra.jpg|thumb|250px|रोहिणी नक्षत्र]]
*रोहिणी नक्षत्र आकाश मंडल में चौथा नक्षत्र है।  
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'''रोहिणी नक्षत्र''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Rohini Nakshatra'') आकाश मंडल के 27 नक्षत्रों में चौथा [[नक्षत्र]] है। इस नक्षत्र का स्वामी [[चंद्रमा]] है और नक्षत्र की राशि का स्वामी [[शुक्र ग्रह|शुक्र]] है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, तारों के समूह को नक्षत्रों का दर्जा दिया गया है और रोहिणी नक्षत्र पांच तारों का एक समूह है। यह [[फ़रवरी]] माह के मध्य भाग में आकाश के पश्चिम दिशा में रात के 6 बजे से लेकर 9 बजे तक दिखाई देता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले की [[वृषभ राशि|राशि वृषभ]] होती है और इस राशि में रोहिणी नक्षत्र चार चरण में होता है। जामुन के वृक्ष को रोहिणी नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति जामुन के वृक्ष की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर में जामुन के वृक्ष को लगाते है।
*यह वृषभ राशि में चारों चरणों में रहता है।
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==कथा==
*उसके चारों चरणों में बनने वाले नाम ओ, वा, वी, व है।
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रोहिणी चंद्रदेव की 27 पत्नियों में से एक हैं। यह सबसे सुंदर, तेजस्वनी और सुंदर वस्त्र धारण करनी वाली हैं। रोहिणी प्रजापति दक्ष की पुत्री हैं। सभी पत्नियों में चंद्रमा रोहिणी से ज्यादा स्नेह रखते हैं। आकाश मंडल में जब भी चंद्रमा रोहिणी के पास आते हैं, तब-तब उनमें निखार और अधिक बढ़ जाता है।<ref name="pp">{{cite web |url= https://navbharattimes.indiatimes.com/astro/grah-nakshatra-in-hindi/rohini-nakshatra-meaning-and-impotence-of-rohini-constellation/articleshow/91347146.cms|title=ज्योतिष में इसलिए खास है रोहिणी नक्षत्र और इसमें पैदा हुए लोगों की खूबियां|accessmonthday=02 नवंबर |accessyear=2022 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=navbharattimes.indiatimes.com |language=हिंदी}}</ref>
*राशि स्वामी [[शुक्र]] है और नक्षत्र स्वामी चंद्रमा है।
 
*रोहिणी चंद्रमा की सुंदर पत्नी का नाम है।  
 
*रोहिणी नक्षत्र को वृष राशि का मस्तक कहा गया है।
 
*इस नक्षत्र में तारों की संख्या पाँच है।  
 
*भूसा गाड़ी जैसी आकृति का यह नक्षत्र [[फरवरी]] के मध्य भाग में मध्याकाश में पश्चिम दिशा की तरफ रात को 6 से 9 बजे के बीच दिखाई देता है।  
 
*यह [[कृत्तिका नक्षत्र]] के पूर्व में दक्षिण भाग में दिखता है।
 
*नक्षत्रों के क्रम में चौथे स्थान पर आने वाला नक्षत्र वृष राशि के 10 डिग्री-0'-1'' से 23 डिग्री - 20'-0'' के मध्य में स्थित है।
 
*किसी भी वर्ष की 26 मई से 8 जून तक के 14 दिनों में इस नक्षत्र से [[सूर्य]] गुजरता है। इस प्रकार रोहिणी के प्रत्येक चरण में सूर्य लगभग साढ़े तीन दिन रहता है।
 
*इस नक्षत्र का स्वामी [[शुक्र]] है।
 
*इस नक्षत्र का योग- सौभाग्य, जाति- स्त्री, स्वभाव से शुभ, वर्ण- शूद्र है और उसकी विंशोतरी दशा का स्वामी ग्रह चंद्र है।
 
*रोहिणी नक्षत्र किसी भी स्थान के मध्यवर्ती प्रदेश को संकेत करता है। इस कारण किसी भी स्थल के मध्य भाग के प्रदेश में बनने वाली घटनाओं या कारणों के लिए रोहिणी में होने वाले ग्रहाचार को देखा जाना चाहिए।
 
*रोहिणी नक्षत्र में [[घी]], [[दूध]], [[रत्न]] का दान करने का नियम है।  
 
*रोहिणी नक्षत्र का [[देवता]] चंद्र को माना जाता है।
 
*जामुन के वृक्ष को रोहिणी नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति जामुन के वृक्ष की पूजा करते है।  
 
*इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर में जामुन के वृक्ष को लगाते है।
 
==पौराणिक==  
 
[[पुराण]] कथा के अनुसार रोहिणी चंद्र की सत्ताईस पत्नियों में सबसे सुंदर, तेजस्वी, सुंदर वस्त्र धारण करने वाली पत्नी है। ज्यों-ज्यों चंद्र रोहिणी के पास जाता है, त्यों-त्यों उसका रूप अधिक खिल उठता है। चंद्र के साथ एकाकार होकर छुप भी जाती है। रोहिणी के [[देवता]] [[ब्रह्मा]] जी हैं। रोहिणी जातक सुंदर, शुभ्र, पति प्रेम, संपादन करने वाले, तेजस्वी, संवेदनशील, संवेदनाओं से जीते जा सकने वाले, सम्मोहक तथा सदा ही प्रगतिशील होते हैं।
 
  
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*रोहिणी के [[देवता]] [[ब्रह्मा]] हैं और स्वामी शुक्र हैं। रचनात्मक कार्यों में इनका मन लगता है और मां के प्रति ज्यादा लगाव रहता है। हमेशा व्यवस्थित ढंग से काम करना पसंद करते हैं।
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*भौतिक सुख-सुविधा और विपरित लिंग के प्रति हमेशा आकर्षण का भाव रहता है। हर क्षेत्र में भाग्य आजमाते हैं और कामयाब होते है, लेकिन इनको प्रोत्साहन की बहुत जरूरत होती है।
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*घूमने-फिरने का शौक होता है और धार्मिक स्वभाव के माने जाते हैं। मनमर्जी स्वभाव के कारण वैवाहिक जीवन में नोक-झोंक लगी रहती है। दूसरों पर आंख बंद करते विश्वास कर लेते हैं।
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*अपने काम के प्रति पूरी तरह ईमानदार होते हैं और कार्यक्षेत्र में हर किसी के पसंदीदा होता है, उनमें इनके शत्रु भी शामिल हैं। [[परिवार]] के प्रति पूरी तरह समर्पित रहते हैं और उनको समस्याओं को खत्म करते हैं।
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==लोकप्रियता==
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रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति का मन रचनात्मक कार्यों में करता है और इनका मन काफी चंचल भी होता है। यह अपनी ही दुनिया में रहना काफी पसंद करते हैं। यह [[पिता]] के अपेक्षा अपनी मां से काफी लगाव रखते हैं। मां से इनको स्नेह और हर मोड पर सहयोग मिलता है। यह अपने लक्ष्य को लेकर काफी गंभीर रहते हैं और लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हर मुमकिन प्रयास करते हैं। इनको व्यवस्थित ढंग से काम करना बहुत पसंद है और परिवर्तन को खुले मन स्वीकार करते हैं। रोहिणी नक्षत्र के लोग सुमार्ग पर चलते हैं और अपने व्यवहार को लेकर जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहते हैं। मधुर भाषी होने के कारण इनका सामाजिक दायरा काफी बड़ा होता है।
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==भाग्योदय व दिलचस्पी==
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रोहिणी नक्षत्र के लोगों का भाग्योदय 30 वर्ष की आयु के बाद होता है। शुक्र ग्रह के प्रभाव के कारण इनकी शारीरिक सुंदरता काफी होती है और दूसरों में गलतियां निकलना इनका स्वभाविक गुण होता है। भौतिक सुख-सुविधाओं के प्रति हमेशा इनका आकर्षण रहता है और विपरित लिंग का हमेशा आदर करते हैं। यह जिस क्षेत्र में अपना भाग्य आजमाते हैं, उसमें हमेशा यश और सम्मान मिलता है। किसी एक चीज में लंबे समय तक रहना इनको पसंद नहीं आता, इसलिए चीजें बदलते रहते हैं और अपना भाग्य आजमाते रहते हैं। घूमने-फिरने का इनको काफी शौक होता है, इसलिए [[परिवार]] के साथ हमेशा घूमने के लिए निकल जाते हैं। परिवार के हर सदस्य के साथ इनका गहरा संबंध होता है और उनकी इच्छाओं की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जाने की कोशिश करते हैं।<ref name="pp"/>
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==स्वभाव==
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ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव काफी कोमल और विनम्र होता है। इसी स्वभाव के कारण यह अपने दुश्मनों की भी मदद के लिए आगे रहते हैं और किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटते। यह अपने दिमाग के बजाय दिल की सुनना ज्यादा पसंद करते हैं। इस [[नक्षत्र]] में जन्म लेने वाले लोग काफी खर्चीले स्वभाव के होते हैं और भविष्य का चिंता कम करते हैं और वर्तमान में रहकर हर चीज का आनंद लेना ज्यादा पसंद है। अपने काम के प्रति पूरी तरह ईमानदार रहते हैं और जहां भी काम करते हैं, उसे अपना मानकर जरूरत ज्यादा काम करते हैं। इसी स्वभाव के कारण बॉस और साथ काम करने वालों के बीच लोकप्रिय रहते हैं और इसी स्वभाव के कारण इनकी शत्रुओं की संख्या भी बढ़ती है।
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==धार्मिकता==
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इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग महिलाओं के प्रति विशेष आसक्ति रखते हैं। कई बार अपनी मनमर्जी के कारण वैवाहिक जीवन में उठापटक लगी रहती है। लेकिन अपने स्वभाव के जादू से बहुत जल्द सब शांत भी हो जाता है। धर्म-कार्यों में हिस्सा लेने के कारण इनकी [[आत्मा]] पवित्र होती है। हर सामाजिक उत्सव में यह भाग लेते हैं, जिससे इनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होती रहती है। दूसरों पर आंख बंद करके विश्वास करने के कारण कई मुसीबत में भी फंस जाते हैं। लेकिन अगर इनको या इनके परिवार को कोई चोट पहुंचाता है तो उसे कभी माफ नहीं करते। अगर इनकी कुंडली में शुक्र व चंद्र की स्थिति खराब रहती है, तब इनको स्वास्थ्य के मामले में काफी समस्याएं आती हैं और भूत-प्रेत के मामले में भी काफी विश्वास करने वाले हो जाते हैं।
  
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08:13, 2 नवम्बर 2022 के समय का अवतरण

Disamb2.jpg रोहिणी एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- रोहिणी (बहुविकल्पी)
रोहिणी नक्षत्र

रोहिणी नक्षत्र (अंग्रेज़ी: Rohini Nakshatra) आकाश मंडल के 27 नक्षत्रों में चौथा नक्षत्र है। इस नक्षत्र का स्वामी चंद्रमा है और नक्षत्र की राशि का स्वामी शुक्र है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, तारों के समूह को नक्षत्रों का दर्जा दिया गया है और रोहिणी नक्षत्र पांच तारों का एक समूह है। यह फ़रवरी माह के मध्य भाग में आकाश के पश्चिम दिशा में रात के 6 बजे से लेकर 9 बजे तक दिखाई देता है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले की राशि वृषभ होती है और इस राशि में रोहिणी नक्षत्र चार चरण में होता है। जामुन के वृक्ष को रोहिणी नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति जामुन के वृक्ष की पूजा करते है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर में जामुन के वृक्ष को लगाते है।

कथा

रोहिणी चंद्रदेव की 27 पत्नियों में से एक हैं। यह सबसे सुंदर, तेजस्वनी और सुंदर वस्त्र धारण करनी वाली हैं। रोहिणी प्रजापति दक्ष की पुत्री हैं। सभी पत्नियों में चंद्रमा रोहिणी से ज्यादा स्नेह रखते हैं। आकाश मंडल में जब भी चंद्रमा रोहिणी के पास आते हैं, तब-तब उनमें निखार और अधिक बढ़ जाता है।[1]

  • रोहिणी के देवता ब्रह्मा हैं और स्वामी शुक्र हैं। रचनात्मक कार्यों में इनका मन लगता है और मां के प्रति ज्यादा लगाव रहता है। हमेशा व्यवस्थित ढंग से काम करना पसंद करते हैं।
  • भौतिक सुख-सुविधा और विपरित लिंग के प्रति हमेशा आकर्षण का भाव रहता है। हर क्षेत्र में भाग्य आजमाते हैं और कामयाब होते है, लेकिन इनको प्रोत्साहन की बहुत जरूरत होती है।
  • घूमने-फिरने का शौक होता है और धार्मिक स्वभाव के माने जाते हैं। मनमर्जी स्वभाव के कारण वैवाहिक जीवन में नोक-झोंक लगी रहती है। दूसरों पर आंख बंद करते विश्वास कर लेते हैं।
  • अपने काम के प्रति पूरी तरह ईमानदार होते हैं और कार्यक्षेत्र में हर किसी के पसंदीदा होता है, उनमें इनके शत्रु भी शामिल हैं। परिवार के प्रति पूरी तरह समर्पित रहते हैं और उनको समस्याओं को खत्म करते हैं।

लोकप्रियता

रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाला व्यक्ति का मन रचनात्मक कार्यों में करता है और इनका मन काफी चंचल भी होता है। यह अपनी ही दुनिया में रहना काफी पसंद करते हैं। यह पिता के अपेक्षा अपनी मां से काफी लगाव रखते हैं। मां से इनको स्नेह और हर मोड पर सहयोग मिलता है। यह अपने लक्ष्य को लेकर काफी गंभीर रहते हैं और लक्ष्य तक पहुंचने के लिए हर मुमकिन प्रयास करते हैं। इनको व्यवस्थित ढंग से काम करना बहुत पसंद है और परिवर्तन को खुले मन स्वीकार करते हैं। रोहिणी नक्षत्र के लोग सुमार्ग पर चलते हैं और अपने व्यवहार को लेकर जनता के बीच काफी लोकप्रिय रहते हैं। मधुर भाषी होने के कारण इनका सामाजिक दायरा काफी बड़ा होता है।

भाग्योदय व दिलचस्पी

रोहिणी नक्षत्र के लोगों का भाग्योदय 30 वर्ष की आयु के बाद होता है। शुक्र ग्रह के प्रभाव के कारण इनकी शारीरिक सुंदरता काफी होती है और दूसरों में गलतियां निकलना इनका स्वभाविक गुण होता है। भौतिक सुख-सुविधाओं के प्रति हमेशा इनका आकर्षण रहता है और विपरित लिंग का हमेशा आदर करते हैं। यह जिस क्षेत्र में अपना भाग्य आजमाते हैं, उसमें हमेशा यश और सम्मान मिलता है। किसी एक चीज में लंबे समय तक रहना इनको पसंद नहीं आता, इसलिए चीजें बदलते रहते हैं और अपना भाग्य आजमाते रहते हैं। घूमने-फिरने का इनको काफी शौक होता है, इसलिए परिवार के साथ हमेशा घूमने के लिए निकल जाते हैं। परिवार के हर सदस्य के साथ इनका गहरा संबंध होता है और उनकी इच्छाओं की पूर्ति के लिए किसी भी हद तक जाने की कोशिश करते हैं।[1]

स्वभाव

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, रोहिणी नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोगों का स्वभाव काफी कोमल और विनम्र होता है। इसी स्वभाव के कारण यह अपने दुश्मनों की भी मदद के लिए आगे रहते हैं और किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटते। यह अपने दिमाग के बजाय दिल की सुनना ज्यादा पसंद करते हैं। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग काफी खर्चीले स्वभाव के होते हैं और भविष्य का चिंता कम करते हैं और वर्तमान में रहकर हर चीज का आनंद लेना ज्यादा पसंद है। अपने काम के प्रति पूरी तरह ईमानदार रहते हैं और जहां भी काम करते हैं, उसे अपना मानकर जरूरत ज्यादा काम करते हैं। इसी स्वभाव के कारण बॉस और साथ काम करने वालों के बीच लोकप्रिय रहते हैं और इसी स्वभाव के कारण इनकी शत्रुओं की संख्या भी बढ़ती है।

धार्मिकता

इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग महिलाओं के प्रति विशेष आसक्ति रखते हैं। कई बार अपनी मनमर्जी के कारण वैवाहिक जीवन में उठापटक लगी रहती है। लेकिन अपने स्वभाव के जादू से बहुत जल्द सब शांत भी हो जाता है। धर्म-कार्यों में हिस्सा लेने के कारण इनकी आत्मा पवित्र होती है। हर सामाजिक उत्सव में यह भाग लेते हैं, जिससे इनकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होती रहती है। दूसरों पर आंख बंद करके विश्वास करने के कारण कई मुसीबत में भी फंस जाते हैं। लेकिन अगर इनको या इनके परिवार को कोई चोट पहुंचाता है तो उसे कभी माफ नहीं करते। अगर इनकी कुंडली में शुक्र व चंद्र की स्थिति खराब रहती है, तब इनको स्वास्थ्य के मामले में काफी समस्याएं आती हैं और भूत-प्रेत के मामले में भी काफी विश्वास करने वाले हो जाते हैं।


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