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राजेंद्र कुमार अथवा राजेंद्र कुमार तुली (अंग्रेज़ी: Rajendra Kumar अथवा Rajendra Kumar Tuli) (जन्म- [[20 जुलाई]] 1929, सियालकोट पश्चिमी पंजाब; मृत्यु- [[12 जुलाई]] 1999, [[मुम्बई]] [[महाराष्ट्र]]) एक फ़िल्म अभिनेता थे। राजेन्द्र कुमार 1960 और 1970 के दशक में फ़िल्मों में सक्रिय थे। राजेंद्र कुमार ने फ़िल्मों में अभिनय करने के अलावा कई फ़िल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया था।
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'''राजेंद्र कुमार''' अथवा '''राजेंद्र कुमार तुली''' (अंग्रेज़ी: ''Rajendra Kumar'' अथवा ''Rajendra Kumar Tuli'') (जन्म- [[20 जुलाई]] 1929, सियालकोट पश्चिमी पंजाब; मृत्यु- [[12 जुलाई]] 1999, [[मुम्बई]] [[महाराष्ट्र]]) एक फ़िल्म अभिनेता थे। राजेन्द्र कुमार 1960 और 1970 के दशक में फ़िल्मों में सक्रिय थे। राजेंद्र कुमार ने फ़िल्मों में अभिनय करने के अलावा कई फ़िल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया था।
 
==जन्म==
 
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राजेंद्र कुमार का जन्म 20 जुलाई 1929 को पश्चिमी पंजाब के सियालकोट में हुआ था। इनका पूरा नाम राजेन्द्र कुमार तुली था। इनकी अनेक फ़िल्मों ने लगातार रजत जयंती (सिल्वर जुबली) की इसलिए उन्हें जुबली कुमार कहा जाने लगा।  
 
राजेंद्र कुमार का जन्म 20 जुलाई 1929 को पश्चिमी पंजाब के सियालकोट में हुआ था। इनका पूरा नाम राजेन्द्र कुमार तुली था। इनकी अनेक फ़िल्मों ने लगातार रजत जयंती (सिल्वर जुबली) की इसलिए उन्हें जुबली कुमार कहा जाने लगा।  

07:58, 9 जुलाई 2011 का अवतरण

राजेंद्र कुमार अथवा राजेंद्र कुमार तुली (अंग्रेज़ी: Rajendra Kumar अथवा Rajendra Kumar Tuli) (जन्म- 20 जुलाई 1929, सियालकोट पश्चिमी पंजाब; मृत्यु- 12 जुलाई 1999, मुम्बई महाराष्ट्र) एक फ़िल्म अभिनेता थे। राजेन्द्र कुमार 1960 और 1970 के दशक में फ़िल्मों में सक्रिय थे। राजेंद्र कुमार ने फ़िल्मों में अभिनय करने के अलावा कई फ़िल्मों का निर्माण और निर्देशन भी किया था।

जन्म

राजेंद्र कुमार का जन्म 20 जुलाई 1929 को पश्चिमी पंजाब के सियालकोट में हुआ था। इनका पूरा नाम राजेन्द्र कुमार तुली था। इनकी अनेक फ़िल्मों ने लगातार रजत जयंती (सिल्वर जुबली) की इसलिए उन्हें जुबली कुमार कहा जाने लगा।

पहली फ़िल्म

एक एक्टर के तौर पर पहली बार उन्हें दिलीप कुमार अभिनीत फिल्म "जोगन" में एक छोटा-सा किरदार निभाने को मिला था। यहीं से वह लगातार सफलता प्राप्त करते गए

पहली सुपरहिट फ़िल्म

रोमांटिक लीडिंग रोल वाली उनकी पहली सुपरहिट फ़िल्म थी- गूंज उठी शहनाई। मदर इंडिया और संगम उल्लेखनीय फ़िल्म हैं। हिन्दी फ़िल्मों के साथ-साथ उन्होंने कई पंजाबी फ़िल्में भी की।

कुछ फ़िल्में

दर्शकों के मध्य राजेन्द्र कुमार का स्थान महबूब ख़ान की फ़िल्म मदर इंडिया (1957) से बना। फ़िल्म मदर इंडिया में राजेन्द्र कुमार ने नरगिस के बेटे का रोल किया था। मदर इंडिया के बाद राजेन्द्र कुमार ने धूल का फूल (1959), मेरे महबूब (1963), आई मिलन की बेला (1964), संगम (1964), आरजू (1965), सूरज (1966) आदि जैसे सफल फ़िल्मों में काम किया।

यद्यपि राजेन्द्र कुमार 1960 के दशक में भारतीय रजत पट पर छाये रहे, 1970 का दशक उनके लिये प्रतिकूल रहा क्योंकि उस दशक में राजेन्द्र कुमार की गंवार (1970), तांगेवाला (1972), ललकार (1972), गाँव हमारा शहर तुम्हारा (1972), आन बान (1972) आदि फ़िल्में बॉक्स आफिस पर पिट गईं और उनकी मांग घटने लग गई। सन् 1970 से 1977 तक का समय उनके लिये अत्यंत दुष्कर रहा। सन् 1978 में बनी फ़िल्म साजन बिना सुहागन, जिसमें उनके साथ नूतन ने काम किया था, ने फिर से एक बार राजेन्द्र कुमार का समय पलट दिया और वे फिर से दर्शकों के चहेते बन गये। राज कपूर ने अपनी फ़िल्में संगम (1964) और मेरा नाम जोकर (1970) में बतौर साइड हीरो के उन्हें रोल दिया था। राज कपूर के साथ उन्होंने फ़िल्म दो जासूस (1975) में भी काम किया और उन्हें दर्शकों की सराहना मिली। उनके दौर की फ़िल्मों के शौकीन लोगों के लिए राजेन्द्र कुमार भी उतने ही बड़े ट्रैजेडी किंग थे, जितने बड़े टै्रजेडी किंग दिलीप कुमार को माना जाता है।

निर्माता के रूप में

बतौर निर्देशक-निर्माता उनकी पहली फ़िल्म थी - लव स्टोरी, जिसमें उन्होंने अपने सुपुत्र कुमार गौरव को लिया। साथ ही उन्होंने फूल, जुर्रत, नाम, लवर्स आदि फ़िल्मों का निर्माण भी किया। उन्होंने मानद मजिस्ट्रेट के तौर पर भी अपनी सेवाएं दीं।

पुरस्कार

1969 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। हिन्दी फ़िल्म क़ानून और गुजराती फ़िल्म मेंहदी रंग लाग्यो के लिए उन्हें पं. नेहरू के कर-कमलों द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

निधन

12 जुलाई 1999 को कैंसर के कारण मुम्बई में उनका निधन हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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