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बेरिलियम [[आवर्त सारणी]] के द्वितीय समूह का पहला [[तत्व]] है। बेरिलियम का केवल एक स्थिर [[समस्थानिक]] पाया गया है, जिसकी [[द्रव्यमान संख्या]] 9 है, परंतु द्रव्यमान संख्या 7, 8 और 10 वाले अस्थिर समस्थानिक कृत्रिम विधियों से निर्मित हुए हैं।
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'''बेरिलियम''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Beryllium) [[आवर्त सारणी]] के द्वितीय समूह का पहला [[तत्व]] है। बेरिलियम का केवल एक स्थिर [[समस्थानिक]] पाया गया है, जिसकी [[द्रव्यमान संख्या]] 9 है, परंतु द्रव्यमान संख्या 7, 8 और 10 वाले अस्थिर समस्थानिक कृत्रिम विधियों से निर्मित हुए हैं। [[पन्ना]] और बेरूज बेरिलियम के [[यौगिक]] हैं, जो पुरातन काल से [[रत्न]] के रूप में अपनाए गए हैं। अनेकों ऐसे [[खनिज]] [[पदार्थ]] ज्ञात हैं, जिनमें बेरिलियम संयुक्त अवस्था में रहता है। अन्य स्रोतों से बेरिलियम प्राप्त करना बहुत मँहगा पड़ता है।
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==बेरिलियम की खोज==
 
1798 ई. में सर्वप्रथम वोक्लैं ने बेरिलियम को बेरिल अयस्क से पृथक्‌ किया, जिसके आधार पर इसका नाम बेरिलियम रखा गया था। बेरिलियम के विलेय [[लवण]] मीठे स्वाद के होते हैं। इस कारण बेरिलियम का नाम ग्लुसिनम भी रखा गया था, परंतु अब यह नाम लुप्त हो गया है। 1828 ई. में सर्वप्रथम वलर ने बेरिलियम [[धातु]] तैयार की।
 
1798 ई. में सर्वप्रथम वोक्लैं ने बेरिलियम को बेरिल अयस्क से पृथक्‌ किया, जिसके आधार पर इसका नाम बेरिलियम रखा गया था। बेरिलियम के विलेय [[लवण]] मीठे स्वाद के होते हैं। इस कारण बेरिलियम का नाम ग्लुसिनम भी रखा गया था, परंतु अब यह नाम लुप्त हो गया है। 1828 ई. में सर्वप्रथम वलर ने बेरिलियम [[धातु]] तैयार की।
 
[[पन्ना]] और बेरूज बेरिलियम के [[यौगिक]] हैं, जो पुरातन काल से [[रत्न]] के रूप में अपनाए गए हैं। अनेकों ऐसे [[खनिज]] [[पदार्थ]] ज्ञात हैं, जिनमें बेरिलियम संयुक्त अवस्था में रहता है। अन्य स्त्रोतों से बेरिलियम प्राप्त करना बहुत मँहगा पड़ता है। [[भारत]] में ऐसा बेरिल, जो बेरिलियम निर्माण के लिए उत्तम सिद्ध हुआ है, [[अजमेर]], [[बिहार]] राज्य तथा [[तमिलनाडु]] राज्य में मिलता है।
 
  
 
==निर्माण==
 
==निर्माण==
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रासायनिक अभिक्रियाओं में बेरिलियम की समानता [[मैग्नीशियम]] तथा ऐल्यूमिनियम दोनों से है। इस कारण इस समानता को विकर्ण सममिति कहते हैं। बेरिलियम में मैग्नीशियम से कम, परंतु ऐल्युमिनियम से अधिक, धातु गुण हैं। ऐल्यूमिनियम की भाँति बेरिलियम को वायु में गर्म करने पर, उसकी सतह पर [[ऑक्साइड]] की पतली परत जम जाती है, जो [[ऑक्सीजन]] के अधिक आक्रमण को रोकती है। बेरिलिय धातु [[अम्ल|अम्लों]] द्वारा घुल जाती है, परंतु उसके [[लवण]] शीघ्र जलविश्लेषित होते हैं। बेरिलियम धातु [[हैलोजन]] तत्वों से उच्च [[ताप]] पर अभिक्रिया कर, [[यौगिक]] बनाती है। 1,200 °सें. ताप पर बेरिलियम [[कार्बन]] और [[नाइट्रोजन]] से अभिक्रिया करता है।
 
रासायनिक अभिक्रियाओं में बेरिलियम की समानता [[मैग्नीशियम]] तथा ऐल्यूमिनियम दोनों से है। इस कारण इस समानता को विकर्ण सममिति कहते हैं। बेरिलियम में मैग्नीशियम से कम, परंतु ऐल्युमिनियम से अधिक, धातु गुण हैं। ऐल्यूमिनियम की भाँति बेरिलियम को वायु में गर्म करने पर, उसकी सतह पर [[ऑक्साइड]] की पतली परत जम जाती है, जो [[ऑक्सीजन]] के अधिक आक्रमण को रोकती है। बेरिलिय धातु [[अम्ल|अम्लों]] द्वारा घुल जाती है, परंतु उसके [[लवण]] शीघ्र जलविश्लेषित होते हैं। बेरिलियम धातु [[हैलोजन]] तत्वों से उच्च [[ताप]] पर अभिक्रिया कर, [[यौगिक]] बनाती है। 1,200 °सें. ताप पर बेरिलियम [[कार्बन]] और [[नाइट्रोजन]] से अभिक्रिया करता है।
  
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==उपयोग==
{{संदर्भ ग्रंथ}}
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*एक्स-रे उपकरणों में बेरिलियम के गवाक्ष प्रयुक्त हो रहे हैं।
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*बेरिलियम से वायुयानों के [[कारबुरेटर]], फ्लूरोसेण्ट, टयूब्स, निऑन सिग्रल्स, साइक्लोट्रान तथा [[विस्फोटक]] पदार्थ भी बनाये जाते हैं।
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*बेरिलियम का सर्वाधिक उपयोग [[मिश्रधातु|मिश्रधातुओं]] के निर्माण में किया जाता है।
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*जंगरोधी [[इस्पात]] में 1 प्रतिशत बेरिलियम की सूक्ष्म मात्रा मिलाने पर, उससे बना हुआ स्प्रिंग अत्यंत कठोर हो जाता है। बेरिलियम-ताम्र मिश्रधातु का स्प्रिंग बनाने में बहुत उपयोग हो रहा है। यह स्प्रिंग संक्षारण प्रतिरोधी तथा टिकाऊ होता है। अन्य धातुओं में बेरिलियम की सूक्ष्म मात्रा (0.005 प्रतिशत) मिलाने पर, वे ऑक्सीकरण प्रतिरोधी हो जाते हैं।
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==प्राप्ति स्थान==
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बेरीलियम की प्राप्ति [[आग्नेय चट्टान|आग्नेय चट्टानों]] से होती हैं। [[भारत]] में ऐसा बेरिल, जो बेरिलियम निर्माण के लिए उत्तम सिद्ध हुआ है, [[अजमेर]], [[बिहार]] राज्य तथा [[तमिलनाडु]] राज्य में मिलता है।
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बेरिलियम की प्राप्ति के प्रमुख क्षेत्र हैं- [[झारखण्ड]] में [[हज़ारीबाग़]], कोडरमा तथा, [[बिहार]] में [[गया ज़िला|गया ज़िले]] के क्षेत्र, [[राजस्थान]] में [[उदयपुर ज़िला|उदयपुर]], [[बांसवाड़ा ज़िला|बांसवाड़ा]], [[डूंगरपुर ज़िला|डूंगरपुर]] तथा [[अजमेर ज़िला|अजमेर ज़िले]], [[आंध्र प्रदेश]] का नेल्लौर तथा [[तमिलनाडु]] का [[कोयम्बटूर ज़िला]]।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
 
 
==संबंधित लेख==
 
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{{आवर्त सारणी}}
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{{आवर्त सारणी}}{{रसायन विज्ञान}}
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[[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:रासायनिक तत्त्व]][[Category:विज्ञान_कोश]]
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12:22, 14 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

बेरिलियम

साधारण गुणधर्म
नाम, प्रतीक, संख्या बेरेलियम, Be, 4
तत्व श्रेणी क्षारीय पार्थिव धातु
समूह, आवर्त, कक्षा 2, 2, s
मानक परमाणु भार 9.012182g·mol−1
इलेक्ट्रॉन विन्यास 1s2 2s2
इलेक्ट्रॉन प्रति शेल 2, 2
भौतिक गुणधर्म
अवस्था ठोस
घनत्व (निकट क.ता.) 1.85 g·cm−3
तरल घनत्व
(गलनांक पर)
1.690 g·cm−3
गलनांक 1560 K, 1287 °C, 2349 °F
क्वथनांक 2742 K, 2469 °C, 4476 °F
संलयन ऊष्मा 12.2 किलो जूल-मोल
वाष्पन ऊष्मा 297 किलो जूल-मोल
विशिष्ट ऊष्मीय
क्षमता
16.443

जूल-मोल−1किलो−1

वाष्प दाब
P (Pa) 1 10 100 1 k 10 k 100 k
at T (K) 1462 1608 1791 2023 2327 2742
परमाण्विक गुणधर्म
ऑक्सीकरण अवस्था 2, 1
(उभयधर्मी ऑक्साइड)
इलेक्ट्रोनेगेटिविटी 1.57 (पाइलिंग पैमाना)
आयनीकरण ऊर्जाएँ
(अधिक)
1st: 899.5 कि.जूल•मोल−1
2nd: 1757.1 कि.जूल•मोल−1
3rd: 14848.7 कि.जूल•मोल−1
परमाण्विक त्रिज्या 112 pm
सहसंयोजक त्रिज्या 96±3 pm
वैन्डैर वाल्स त्रिज्या 153 pm
विविध गुणधर्म
क्रिस्टल संरचना षट्कोण
चुम्बकीय क्रम प्रतिचुम्बकीय
वैद्युत प्रतिरोधकता (20 °C) 36 nΩ·m
ऊष्मीय चालकता (300 K) 200 W·m−1·K−1
ऊष्मीय प्रसार (25 °C) 11.3 µm·m−1·K−1
ध्वनि चाल (पतली छड़ में) (r.t.) 12870 m·s−1
यंग मापांक 287 GPa
अपरूपण मापांक 132 GPa
स्थूल मापांक 130 GPa
पॉयज़न अनुपात 0.032
मोह्स कठोरता मापांक 5.5
विकर्स कठोरता 1670 MPa
ब्राइनल कठोरता 600 MPa
सी.ए.एस पंजीकरण
संख्या
7440-41-7
समस्थानिक
समस्थानिक प्रा. प्रचुरता अर्द्ध आयु क्षरण अवस्था क्षरण ऊर्जा
(MeV)
क्षरण उत्पाद
7Be ट्रेस 53.12 d ε 0.862 7Li
γ 0.477 -
8Be ट्रेस 7×10−17s α 4He
9Be 100% 9Be 5 न्यूट्रॉन के साथ स्थिर
10Be ट्रेस 1.36×106 y β 0.556 10B

बेरिलियम (अंग्रेज़ी:Beryllium) आवर्त सारणी के द्वितीय समूह का पहला तत्व है। बेरिलियम का केवल एक स्थिर समस्थानिक पाया गया है, जिसकी द्रव्यमान संख्या 9 है, परंतु द्रव्यमान संख्या 7, 8 और 10 वाले अस्थिर समस्थानिक कृत्रिम विधियों से निर्मित हुए हैं। पन्ना और बेरूज बेरिलियम के यौगिक हैं, जो पुरातन काल से रत्न के रूप में अपनाए गए हैं। अनेकों ऐसे खनिज पदार्थ ज्ञात हैं, जिनमें बेरिलियम संयुक्त अवस्था में रहता है। अन्य स्रोतों से बेरिलियम प्राप्त करना बहुत मँहगा पड़ता है।

बेरिलियम की खोज

1798 ई. में सर्वप्रथम वोक्लैं ने बेरिलियम को बेरिल अयस्क से पृथक्‌ किया, जिसके आधार पर इसका नाम बेरिलियम रखा गया था। बेरिलियम के विलेय लवण मीठे स्वाद के होते हैं। इस कारण बेरिलियम का नाम ग्लुसिनम भी रखा गया था, परंतु अब यह नाम लुप्त हो गया है। 1828 ई. में सर्वप्रथम वलर ने बेरिलियम धातु तैयार की।

निर्माण

सर्वप्रथम बेरिल अयस्क को कैल्सियम अथवा सोडियम कार्बोनेट, के साथ संगलित करते हैं। तत्पश्चात्‌ सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ उच्च ताप पर गर्म जल में घुलाते हैं। विलयन से ऐलुमिनियम को अमोनियम एलम के रूप में क्रिस्टलीकृत किया जाता है। बचे विलयन से बेरिलियम सल्फेट के क्रिस्टल प्राप्त हो जाएँगे, जिसे जलाने पर बेरिलियम ऑक्साइड प्राप्त होगा।

गुण

बेरिलियम हल्की, चमकदार, श्वेत रंग की कठोर धातु है। बेरिलियम में इस्पात की सी प्रत्यास्थता है। बेरिलियम में एक्स विकिरण ऐल्यूमिनियम से 17 गुना अधिक प्रवेश कर सकता है। बेरिलियम धातु में ध्वनि का वेग इस्पात से ढाई गुना अधिक (12,600 मीटर प्रति सेकंड) है। इसके कुछ भौतिक स्थिरांक निम्नांकित हैं :

बेरिलियम के संकेत Be, परमाणु संख्या 4, परमाणु भार 9.012, गलनांक 1,280° सें., क्वथनांक 2,770° सें. घनत्व 1.86 ग्राम प्रति घ.सेंमी., परमाणु व्यास 2.25 ऐंग्स्ट्रॉम (A°), विद्युत प्रतिरोधकता 5.88 माइक्रोओम सेंमी. तथा आयनीकरण विभव 9.320 इवो. है।

रासायनिक अभिक्रियाओं में बेरिलियम की समानता मैग्नीशियम तथा ऐल्यूमिनियम दोनों से है। इस कारण इस समानता को विकर्ण सममिति कहते हैं। बेरिलियम में मैग्नीशियम से कम, परंतु ऐल्युमिनियम से अधिक, धातु गुण हैं। ऐल्यूमिनियम की भाँति बेरिलियम को वायु में गर्म करने पर, उसकी सतह पर ऑक्साइड की पतली परत जम जाती है, जो ऑक्सीजन के अधिक आक्रमण को रोकती है। बेरिलिय धातु अम्लों द्वारा घुल जाती है, परंतु उसके लवण शीघ्र जलविश्लेषित होते हैं। बेरिलियम धातु हैलोजन तत्वों से उच्च ताप पर अभिक्रिया कर, यौगिक बनाती है। 1,200 °सें. ताप पर बेरिलियम कार्बन और नाइट्रोजन से अभिक्रिया करता है।

उपयोग

  • एक्स-रे उपकरणों में बेरिलियम के गवाक्ष प्रयुक्त हो रहे हैं।
  • बेरिलियम से वायुयानों के कारबुरेटर, फ्लूरोसेण्ट, टयूब्स, निऑन सिग्रल्स, साइक्लोट्रान तथा विस्फोटक पदार्थ भी बनाये जाते हैं।
  • बेरिलियम का सर्वाधिक उपयोग मिश्रधातुओं के निर्माण में किया जाता है।
  • जंगरोधी इस्पात में 1 प्रतिशत बेरिलियम की सूक्ष्म मात्रा मिलाने पर, उससे बना हुआ स्प्रिंग अत्यंत कठोर हो जाता है। बेरिलियम-ताम्र मिश्रधातु का स्प्रिंग बनाने में बहुत उपयोग हो रहा है। यह स्प्रिंग संक्षारण प्रतिरोधी तथा टिकाऊ होता है। अन्य धातुओं में बेरिलियम की सूक्ष्म मात्रा (0.005 प्रतिशत) मिलाने पर, वे ऑक्सीकरण प्रतिरोधी हो जाते हैं।

प्राप्ति स्थान

बेरीलियम की प्राप्ति आग्नेय चट्टानों से होती हैं। भारत में ऐसा बेरिल, जो बेरिलियम निर्माण के लिए उत्तम सिद्ध हुआ है, अजमेर, बिहार राज्य तथा तमिलनाडु राज्य में मिलता है।

बेरिलियम की प्राप्ति के प्रमुख क्षेत्र हैं- झारखण्ड में हज़ारीबाग़, कोडरमा तथा, बिहार में गया ज़िले के क्षेत्र, राजस्थान में उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर तथा अजमेर ज़िले, आंध्र प्रदेश का नेल्लौर तथा तमिलनाडु का कोयम्बटूर ज़िला


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