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[[चित्र:Buddha-Amarnath.jpg|thumb|150px|बूढ़े अमरनाथ मन्दिर, [[जम्मू और कश्मीर]]]]
 
'''बूढ़े अमरनाथ''' एक मन्दिर है, जो [[कश्मीर]] के पूँछ नगर से चौदह मील दूर ऊँची पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
 
'''बूढ़े अमरनाथ''' एक मन्दिर है, जो [[कश्मीर]] के पूँछ नगर से चौदह मील दूर ऊँची पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
 
*यह पूरा मन्दिर एक ही श्वेत पत्थर का बना हुआ है।
 
*यह पूरा मन्दिर एक ही श्वेत पत्थर का बना हुआ है।
*इस मन्दिर तक पहुँचने के लिए [[जम्मू]] से पूँछ के लिए मोटर बसें चलती हैं।
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*बूढ़े अमरनाथ मन्दिर तक पहुँचने के लिए [[जम्मू]] से पूँछ के लिए मोटर बसें चलती हैं।
 
*कहा जाता है कि यही प्राचीन [[अमरनाथ]] [[तीर्थ स्थान]] है।
 
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*पहले लोग यहीं पर यात्रा करने के लिए आया करते थे।
 
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*यही पर पुलस्ता नदी है, जिसके तट पर [[पुलस्त्य|महर्षि पुलस्त्य]] का आश्रम था।
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*यही पर पुलस्ता नदी है, जिसके [[तट]] पर [[पुलस्त्य|महर्षि पुलस्त्य]] का आश्रम था।
*दूसरे अमरनाथ उस समय बर्फ के कारण अगम्य थे।
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*दूसरे अमरनाथ उस समय बर्फ के कारण [[अगम्य]] थे।
 
*मार्ग का सुधार होने पर इनकी यात्रा बाद में सुलभ हुई है।  
 
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06:48, 31 अक्टूबर 2011 का अवतरण

बूढ़े अमरनाथ मन्दिर, जम्मू और कश्मीर

बूढ़े अमरनाथ एक मन्दिर है, जो कश्मीर के पूँछ नगर से चौदह मील दूर ऊँची पहाड़ियों से घिरा हुआ है।

  • यह पूरा मन्दिर एक ही श्वेत पत्थर का बना हुआ है।
  • बूढ़े अमरनाथ मन्दिर तक पहुँचने के लिए जम्मू से पूँछ के लिए मोटर बसें चलती हैं।
  • कहा जाता है कि यही प्राचीन अमरनाथ तीर्थ स्थान है।
  • पहले लोग यहीं पर यात्रा करने के लिए आया करते थे।
  • यही पर पुलस्ता नदी है, जिसके तट पर महर्षि पुलस्त्य का आश्रम था।
  • दूसरे अमरनाथ उस समय बर्फ के कारण अगम्य थे।
  • मार्ग का सुधार होने पर इनकी यात्रा बाद में सुलभ हुई है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

हिन्दू धर्मकोश |लेखक: डॉ. राजबली पाण्डेय |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 445 |


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