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07:06, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- जब शुक्ल पक्ष द्वादशी पुष्य नक्षत्र में हो तो वह अति पवित्र मानी जाती है और इसी से इसे यह संज्ञा मिली है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ गदाधरपद्धति (कालसार अंश, 143)।
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