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*गिहलौट मध्यकाल में [[चित्तौड़]] के निकट [[अरावली पर्वतमाला|अरावली पर्वत]] की घाटी में बसा हुआ एक अति प्राचीन स्थान है, जो बाद में [[उदयपुर]] कहलाया।  
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'''गिहलौट''' [[मध्यकाल]] में [[चित्तौड़]] के निकट [[अरावली पर्वतमाला|अरावली पर्वत]] की घाटी में बसा हुआ एक अति प्राचीन स्थान है, जो बाद में [[उदयपुर]] कहलाया। यह [[राजपूत|राजपूतों]] का आदि निवास स्थान था।  
*गिहलौट राजपूतों का आदि निवास स्थान था।  
 
 
*इस स्थान का नामकरण गुहिल जाति के यहाँ मूलरूप से निवास करने के कारण हुआ था।  
 
*इस स्थान का नामकरण गुहिल जाति के यहाँ मूलरूप से निवास करने के कारण हुआ था।  
 
*सन 1567 ई. में जब [[अकबर]] ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया, तो [[महाराणा उदयसिंह]] राजधानी छोड़कर गिहलौट में जाकर रहे थे।  
 
*सन 1567 ई. में जब [[अकबर]] ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया, तो [[महाराणा उदयसिंह]] राजधानी छोड़कर गिहलौट में जाकर रहे थे।  

06:57, 8 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

गिहलौट मध्यकाल में चित्तौड़ के निकट अरावली पर्वत की घाटी में बसा हुआ एक अति प्राचीन स्थान है, जो बाद में उदयपुर कहलाया। यह राजपूतों का आदि निवास स्थान था।

  • इस स्थान का नामकरण गुहिल जाति के यहाँ मूलरूप से निवास करने के कारण हुआ था।
  • सन 1567 ई. में जब अकबर ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया, तो महाराणा उदयसिंह राजधानी छोड़कर गिहलौट में जाकर रहे थे।
  • उन्होंने प्रारम्भ में यहाँ एक पहाड़ी पर सुन्दर प्रासाद का निर्माण करवाया था।
  • धीरे-धीरे यहाँ कई महल बनवाये तथा यहाँ पर निवासियों की संख्या भी बढ़ने लगी।
  • जल्दी ही इस जंगली गाँव ने एक सुन्दर नगर का पहनावा पहन लिया।
  • इसी का नाम कुछ समय पश्चात् मेवाड़ के नाम पर उदयपुर हुआ और उदयसिंह ने राज्य की राजधानी चित्तौड़ से हटा कर इस नये नगर में बनायी गयी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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