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*मिलिन्दपन्हो के अनुसार यह एक ब्राह्मण गाँव था, जो प्रसिद्ध बौद्ध दार्शनिक नागसेन का जन्म स्थान था।  
 
*मिलिन्दपन्हो के अनुसार यह एक ब्राह्मण गाँव था, जो प्रसिद्ध बौद्ध दार्शनिक नागसेन का जन्म स्थान था।  
 
*अंगुत्तर निकाय में उल्लेख है कि महात्मा [[बुद्ध]] यहाँ आये थे।  
 
*अंगुत्तर निकाय में उल्लेख है कि महात्मा [[बुद्ध]] यहाँ आये थे।  
*कजंगल का [[युवानच्वांग]] ने का-चु-वेन-की-लो के रुप में उल्लेख किया है।  
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*कजंगल का [[युवानच्वांग]] ने का-चु-वेन-की-लो के रूप में उल्लेख किया है।  
 
*चीनी यात्री ने लिखा है कि महाराज हर्षवर्धन ने अपनी पूर्वी देशों की विजय- यात्रा में युवानच्वांग में राजसभा की थी। चीनी यात्री यहाँ से पुण्ड्रवर्धन गया था।  
 
*चीनी यात्री ने लिखा है कि महाराज हर्षवर्धन ने अपनी पूर्वी देशों की विजय- यात्रा में युवानच्वांग में राजसभा की थी। चीनी यात्री यहाँ से पुण्ड्रवर्धन गया था।  
  

11:27, 11 जनवरी 2011 का अवतरण

  • वर्तमान बंगाल के राजमहल ज़िले में यह विस्तृत पहाड़ी क्षेत्र अंग के पूर्व में स्थित था।
  • महावग्ग में इसे महाशाल नामक ब्राह्मण गाँव के आगे मध्य देश की पूर्वी सीमा बताया गया है।
  • मिलिन्दपन्हो के अनुसार यह एक ब्राह्मण गाँव था, जो प्रसिद्ध बौद्ध दार्शनिक नागसेन का जन्म स्थान था।
  • अंगुत्तर निकाय में उल्लेख है कि महात्मा बुद्ध यहाँ आये थे।
  • कजंगल का युवानच्वांग ने का-चु-वेन-की-लो के रूप में उल्लेख किया है।
  • चीनी यात्री ने लिखा है कि महाराज हर्षवर्धन ने अपनी पूर्वी देशों की विजय- यात्रा में युवानच्वांग में राजसभा की थी। चीनी यात्री यहाँ से पुण्ड्रवर्धन गया था।


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