पानकरस-रागासव-योजन कला

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:26, 20 फ़रवरी 2011 का अवतरण (Text replace - "ते है।" to "ते हैं।")
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। विविध प्रकार के शर्बत, आसव आदि बनाना, जो कि पेयजल के रूप में प्रयुक्त होते हैं।

संबंधित लेख