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[[उत्तर प्रदेश]] में [[झील|झीलों]] का अभाव है। यहाँ की अधिकांश झीलें [[कुमाऊँ]] क्षेत्र में हैं जोकि प्रमुखतः भूगर्भीय शक्तियों के द्वारा भूमि के धरातल में परिवर्तन हो जाने के परिणामस्वरुप निर्मित हुई हैं। राज्य के निर्माण के कारण इनमें से कुछ झीलें [[उत्तराखंड]] में गिनी जाती है। इन झीलों में जल स्त्रोत मुख्यतः हिमानियाँ हैं।
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[[उत्तर प्रदेश]] में [[झील|झीलों]] का अभाव है। यहाँ की अधिकांश झीलें [[कुमाऊँ]] क्षेत्र में हैं जो कि प्रमुखतः भूगर्भीय शक्तियों के द्वारा भूमि के धरातल में परिवर्तन हो जाने के परिणामस्वरूप निर्मित हुई हैं।  
जिनमें निम्नलिखित के नाम विशेष उल्लेखनीय है।
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==राज्य की झील==
*[[भीमताल झील]] (उत्तराखंड)
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राज्य की झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय है।
*[[नैनीताल झील]] (उत्तराखंड)
 
*[[नौकछिया ताल झील]] (उत्तराखंड)
 
*[[सात ताल झील]] (उत्तराखंड)
 
*[[सप्तऋषि कुंड]] (उत्तराखंड)
 
*[[डोडी ताल झील]] (उत्तराखंड)
 
*[[सहस्त्र ताल झील]] (उत्तराखंड)
 
*[[केदार ताल झील]] (उत्तराखंड)
 
*[[बासुकी ताल झील]] (उत्तराखंड)
 
*[[सतोपंथ ताल झील]] (उत्तराखंड)
 
*[[हेमकुंड साहिब]] (उत्तराखंड)
 
==राज्य की अन्य झील==
 
राज्य की अन्य झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय है।
 
 
*पूनाताल,  
 
*पूनाताल,  
 
*मालवाताल
 
*मालवाताल
 
*खुरपाताल  
 
*खुरपाताल  
 
   
 
   
उत्तर प्रदेश की पहाड़ी क्षेत्र में स्थित [[गंगोत्री]] और [[यमुनोत्री]] भी एक प्रकार की झील है, जिनसे [[गंगा नदी|भागीरथी]] और [[यमुना नदी|यमुना]] नदियों का उदगम होता है।
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उत्तर प्रदेश की पहाड़ी क्षेत्र में स्थित [[गंगोत्री]] और [[यमुनोत्री]] भी एक प्रकार की झील है, जिनसे [[भागीरथी]] और [[यमुना नदी|यमुना नदियों]] का उदगम होता है।
 
==निर्माण ==
 
==निर्माण ==
*झीलों का निर्माण भूगर्भिक हलचलों से, गर्तों के जलप्लावित होने से और नदियों के मोड़ों से निर्मित गोखुर झील आदि के अनेक उदाहरण उत्तर प्रदेश में दृष्टिगोचर होते हैं।
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*झीलों का निर्माण भूगर्भिक हलचलों से, गर्तों के जलप्लावित होने से और नदियों के मोड़ों से निर्मित [[गोखुर झील]] आदि के अनेक उदाहरण उत्तर प्रदेश में दृष्टिगोचर होते हैं।
**भूगर्भिक हलचलों के कारण पड़ी दरार गर्त से निर्मित झीलों का प्रमुख उदाहरण [[मिर्ज़ापुर]] ज़िले का टाण्डादरी ताल है, जिसके जल का उपयोग मिर्जापुर नगर में किया जाता है। यह ताल मिर्जापुर से 14 किमी दूर स्थित है।
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*भूगर्भिक हलचलों के कारण पड़ी दरार गर्त से निर्मित झीलों का प्रमुख उदाहरण [[मिर्ज़ापुर]] ज़िले का टाण्डादरी ताल है, जिसके जल का उपयोग मिर्ज़ापुर नगर में किया जाता है। यह ताल मिर्ज़ापुर से 14 किमी दूर स्थित है।
 
 
 
*गर्तों के जलप्लावित होने से बनी अनेक झीलें पर्वतीय भाग में पायी जाती हैं।
 
*गर्तों के जलप्लावित होने से बनी अनेक झीलें पर्वतीय भाग में पायी जाती हैं।
  
 
==अन्य प्रकार की झील==
 
==अन्य प्रकार की झील==
 
कुछ अन्य प्रकार की झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय हैं।
 
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*नदी मोड़ से निर्मित गौखुर झील का मुख्य उदाहरण शाहजहाँपुर ज़िलें की बड़ाताल झील जो रामगंगा नदी के मोड़ द्वारा निर्मित है।
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*नदी मोड़ से निर्मित गौखुर झील का मुख्य उदाहरण शाहजहाँपुर ज़िले की बड़ाताल झील जो [[रामगंगा नदी]] के मोड़ द्वारा निर्मित है।
 
 
==उत्तर प्रदेश की नदियाँ व किनारे स्थित नगर==
 
उत्तर प्रदेश की मुख्य नदियों में [[गंगा नदी|गंगा]], [[यमुना नदी|यमुना]], [[गोमती नदी|गोमती]] आदि के किनारे अनेक ऐतिहासिक नगर बसे हैं। इनमें से कुछ नगर [[उत्तराखंड]] में गिने जाते हैं। जिनका उल्लेख निम्नलिखित तालिका में प्रस्तुत है:
 
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| [[गंगा नदी]]
 
| [[ॠषिकेश]] (उत्तराखंड), [[बद्रीनाथ]] (उत्तराखंड), [[हरिद्वार]] (उत्तराखंड), [[कानपुर]], [[वाराणसी]], [[गढ़मुक्तेश्वर]], [[सौंरो]], [[राजघाट]], [[फर्रुख़ाबाद]], [[मिर्ज़ापुर]]
 
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| गंगा-यमुना का संगम
 
| [[इलाहाबाद]]
 
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| [[यमुना नदी]]
 
| [[मथुरा]], [[आगरा]], [[वृन्दावन]], [[बटेश्वर]], [[कोशाम्बी]], [[हमीरपुर]]
 
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| [[गोमती नदी]]
 
| लखनऊ
 
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| [[सरयू नदी]]
 
| [[अयोध्या]]
 
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[[Category:उत्तर_प्रदेश]]
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[[Category:भारत की झीलें]]
 
[[Category:भूगोल_कोश]]
 
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[[Category:उत्तराखंड_की_झीलें]]
 
 
[[Category:उत्तराखंड]]
 

12:10, 2 अप्रैल 2014 के समय का अवतरण

उत्तर प्रदेश में झीलों का अभाव है। यहाँ की अधिकांश झीलें कुमाऊँ क्षेत्र में हैं जो कि प्रमुखतः भूगर्भीय शक्तियों के द्वारा भूमि के धरातल में परिवर्तन हो जाने के परिणामस्वरूप निर्मित हुई हैं।

राज्य की झील

राज्य की झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय है।

  • पूनाताल,
  • मालवाताल
  • खुरपाताल

उत्तर प्रदेश की पहाड़ी क्षेत्र में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री भी एक प्रकार की झील है, जिनसे भागीरथी और यमुना नदियों का उदगम होता है।

निर्माण

  • झीलों का निर्माण भूगर्भिक हलचलों से, गर्तों के जलप्लावित होने से और नदियों के मोड़ों से निर्मित गोखुर झील आदि के अनेक उदाहरण उत्तर प्रदेश में दृष्टिगोचर होते हैं।
  • भूगर्भिक हलचलों के कारण पड़ी दरार गर्त से निर्मित झीलों का प्रमुख उदाहरण मिर्ज़ापुर ज़िले का टाण्डादरी ताल है, जिसके जल का उपयोग मिर्ज़ापुर नगर में किया जाता है। यह ताल मिर्ज़ापुर से 14 किमी दूर स्थित है।
  • गर्तों के जलप्लावित होने से बनी अनेक झीलें पर्वतीय भाग में पायी जाती हैं।

अन्य प्रकार की झील

कुछ अन्य प्रकार की झीलों में निम्न के नाम उल्लेखनीय हैं।

शहर झील
लखनऊ दुलास खेड़ा के निकट करेला व मोहना के समीप इतौजा
रायबरेली भुगेताल तथा विसैया
प्रतापगढ़ बेती तथा नइया
सुल्तानपुर राजा का बाँध, लौधीताल, भोजपुर
रामपुर मोती व गौर
उन्नाव कुन्द्रा समुन्दर
कानपुर बलाहापारा
फतेहपुर मोराय
वाराणसी औंधी ताल
आगरा कीठम झील
  • नदी मोड़ से निर्मित गौखुर झील का मुख्य उदाहरण शाहजहाँपुर ज़िले की बड़ाताल झील जो रामगंगा नदी के मोड़ द्वारा निर्मित है।